नई दिल्ली | जल्द ही देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। केन्द्र सरकार की सलाह पर चुनाव आयोग कभी चुनाव की घोषणा कर सकता है। लेकिन में मतदाता पहचान पत्र के साथ 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी मान्य होंगे जिनमें से कोई एक दिखाकर ही मतदान किया जा सकेगा यानी कि मतदाता पर्ची के आधार पर वोट नहीं डाला जा सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग ने इस बारे में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 

लोकसभा आम चुनाव 2019 में मतदाता केवल मतदाता पर्ची के आधार पर मतदान नहीं कर सकेंगे। मतदान के लिए मतदाता फोटो युक्त पहचान पत्र कार्ड दिखाना होगा। अगर मतदाता के पास कार्ड नहीं है तो वह उसके पास अन्य विकल्पों को इस्तेमाल करने का अधिकार होगा। चुनाव आयोग ने 11 ऐसे दस्तावेजों के बारे में बताया है जिसके जरिए मतदाता कार्ड न होने की स्थिति में अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं। इन वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाने पर ही मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। 

आगामी लोकसभा चुनाव में कार्ड के साथ-साथ पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, आरजीआई एवं एन.पी.आर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, विधायकों, सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र या आधार कार्ड में से कोई एक दस्तावेज को मतदान करते समय दिखाना अनिवार्य होगा।

अगर किसी मतदाता के पास ये दस्तावेज नहीं हैं तो वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेगा। हाल ही सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में मतदाता पर्ची को पहचान का आधार मानकर मतदान कराया गया था लेकिन इनके दुरूपयोग होने की आशंका को देखते हुए आयोग ने नए निर्देश जारी किए हैं। उधर आयोग ने चुनाव से पहले सभी राज्यों को मतदाता सूची के निरीक्षण करने का आदेश दिया है। इसके लिए राज्य सरकारों को कैंप लगाकर मतदाताओं के नाम सूची में शामिल करने को कहा है।