‘रूदाली’, ‘दमन’, ‘दरमियान’ जैसे बेहतरीन फिल्में देने वाली कल्पना लाजिमी नहीं रहीं। उनका मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में रविवार अल सुबह निधन हो गया। वह 64 साल की थीं। लाजमी गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थीं और उनका लीवर भी काम नहीं कर रहा था। 

उनके भाई देव लाजमी ने बताया, ‘उनका सुबह साढ़े चार बजे (कोकिलाबेन धीरूभाई) अंबानी अस्पताल में निधन हो गया।’  इसके बाद शाम को परिजनों, मित्रों और चाहने वालों की मौजूदगी में लाजमी का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उनके छोटे भाई देव लाजमी ने ओशिवारा शमशान घाट में अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की। इस मौके पर कल्पना लाजमी को अंतिम विदाई देने के लिए परिवार के सदस्य और नजदीकी दोस्त मौजूद थे। इसमें उनकी मां ललिता लाजमी भी शामिल थीं। हिंदी फिल्म जगत से अभिनेत्री शबाना आजमी, सोनी राजदान और निर्देशक श्याम बेनेगल ने लाजमी को अंतिम श्रद्धासुमन अर्पित किए। सबसे पहले पहुंचने वालों में सोनी राजदान शामिल थीं। वह उनके अंतिम संस्कार के वक्त भावुक हो गईं। 

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने लाजमी के निधन पर शोक प्रकट किया है। सोनोवाल की तरफ से लाजमी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाया गया। लाजमी एक निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थीं। वह यथार्थवादी फिल्में बनाने के लिए जानी जाती थीं। उनकी फिल्में अक्सर महिलाओं पर केंद्रित रहती थीं। लाजमी की बतौर निर्देशक आखिरी फिल्म 2006 में प्रदर्शित ‘चिंगारी’ थी। यह फिल्म भूपेन हजारिका के उपन्यास ‘द प्रॉस्टीट्यूट एंड द पोस्टमैन’ पर आधारित थी। हजारिका उनके पार्टनर भी थे। 

लाजमी ने पहली दफा बतौर सहायक निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ काम किया था। वह बेनेगल की भतीजी थीं। उन्होंने बेनेगल की फिल्म ‘भूमिका : द रोल’ (1977) में कास्ट्यूम डिजाइनर का काम किया था जिसमें स्मिता पाटिल, अमोल पालेकर और नसीरूद्दीन शाह ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। लाजमी ने 1978 में ‘डी जी मूवी पायनियर’ वृत्तचित्र से बतौर निर्देशक अपना कॅरियर शुरू किया था। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल्पना लाजमी के निधन पर शोक प्रकट किया। लाजमी के परिवार और मित्रों के प्रति ट्विटर पर अपने संवेदना संदेश में कोविंद ने पर्दे पर ‘मजबूत और जोशीली’ महिला को चित्रित करने में ‘विरले संवेदनशीलता’ प्रकट करने के लिए लाजमी की तारीफ की। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘विरले संवेदनशीलता वाली फिल्मकार कल्पना लाजमी के निधन का समाचार सुनकर दुखी हूं। मजबूत और जीवंत महिला से लेकर असमिया जीवन का सिनेमाई प्रस्तुतिकरण तक उनके प्रदर्शनों की लंबी सूची उल्लेखनीय है।’ ट्वीट में कहा गया है, ‘उनके परिवार और शुभेच्छुओं के प्रति संवेदना #राष्ट्रपति कोविंद।’

कई अन्य हस्तियों ने कल्पना लाजिमी के निधन पर शोक जताया है।

फिल्म ‘दमन’ के दमदार किरदार के जरिये अभिनेत्री रवीना टंडन को अलग पहचान दिलाने वाली निर्देशक कल्पना लाजमी को याद करते हुए रवीना ने कहा कि बतौर फिल्मकार उन्हें जितना सम्मान मिला, वह उससे अधिक की हकदार थीं। 2001 में आई ‘दमन’ का विषय घरेलू हिंसा और जातीय विभाजन था। इस फिल्म के लिए रवीना टंडन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। रवीना ने कहा, ‘मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। वह 25 साल पहले महिला प्रधान फिल्में बना रही थीं जबकि उस समय इस तरह की फिल्मों का निर्माण करना और इसके लिए दर्शक खोजना चुनौतीपूर्ण था।’

अभिनेता मनोज वाजपेयी ने माइक्रोब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘‘यह बेहद दुखद समाचार है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’  निर्देशक हंसल मेहता ने लाजमी को पुरूष प्रधान फिल्मी जगत में निडर महिला के तौर पर याद किया। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘दरमियां’ में बतौर संपादक काम करने का मौका मिला। पुरूष प्रधान फिल्म जगत में निडर महिला के तौर पर उनका सम्मान करता हूं और उनके खाने पीने के शौक की हमेशा याद करूंगा। 

(इनपुट भाषा से)