पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सेना का ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। इस हमले के बाद 21 दिन में अलग-अलग मुठभेड़ में सेना ने 18 आतंकियों को ढेर किया है। सोमवार को सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान में 10 आतंकी मारे। इनमें से 8 आतंकी पाकिस्तानी हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। मारे गए आतंकियों में से 14 जैश-ए-मोहम्मद के हैं। इनमें से छह बड़े कमांडर हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा कि बीते कुछ दिनों में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन किए गए हैं। तमाम एजेंसियों की मदद से आतंकियों के खिलाफ चलाया जा रहा सेना का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। इस दौरान पुलवामा एनकाउंटर की जानकारी देते हुए कश्मीर रेंज के आईजी स्वयं प्रकाश पाणी ने कहा कि रविवार को पुलवामा के पिंगलिश में हुई मुठभेड़ में सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मुदस्सिर अहमद को मार गिराया है।

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सेना ने कहा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में कितने स्थानीय आतंकी शामिल थे, इसकी जांच की जा रही है। वहीं पुलवामा मुठभेड़ के बाद मुदस्सिर अहमद को मार गिराया गया है। उसका शव बरामद किया जा चुका है। इसके अलावा मौके से 3 राइफल बरामद की गई है और सेना अब भी सर्च ऑपरेशन चला रही है। सेना के अनुसार, पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता मुदस्सिर फिदायीन आतंकी आदिल अहमद डार के संपर्क में था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस में विस्फोटकों से लदी कार से टक्कर मारी थी। 14 फरवरी को पुलवामा के लेथीपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए इस हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एक बड़ी एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया था।