बेंगलुरु: मानव तस्करी के एक संदिग्ध मामले में, मंगलवार को बेंगलुरू के केम्पेगोड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) पर 32 नर्सिंग स्नातक छात्राओं को बचाया गया है।

इन छात्राओं को अर्मेनिया (यूटीएमए) के पारंपरिक चिकित्सा विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए आर्मेनिया और जर्मनी ले जाया जा रहा था। तस्करी रैकेट के पीछे के मुख्य आरोपी टोनी टॉम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ़ मानव तस्करी के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। केआईए आप्रवासन अधिकारियों की शिकायत पर उसे गिरफ्तार किया गया था। ये महिलायें केरल से हैं और कर्नाटक के मंगलुरु में अध्ययन कर रही थीं।

पुलिस के मुताबिक टॉम मंगलुरु के कंकानाडी में होप्सिन एजुकेशन इंटरनेशनल नामक एक शिक्षा परामर्श केंद्र चलाता है। ये महिलायें एक समाचार पत्र के विज्ञापन के माध्यम से टॉम के संपर्क में आई थीं। टॉम ने महिलाओं से वादा किया था कि अगर वो जर्मन सीख लेती हैं तो उन्हें जर्मनी के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में नौकरी दिलाई जाएगी। अपने विज्ञापन में, टॉम ने भाषा सीखने के लिए महिलाओं से यूटीएमए में प्रवेश दिलाने का वादा भी किया था।

सोमवार की रात को महिलयें टॉम के साथ हवाई अड्डे पर पहुंची। हवाई अड्डे पर आप्रवासन अधिकारियों ने इस तरह के पाठ्यक्रम के अस्तित्व पर संदेह किया, क्योंकि यूटीएमए एक मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी है और इसमें महिलाओं को जर्मन भाषा का कोर्स करवाने के लिए ले जाया जा रहा है। इस शक के बाद अधिकारिओं ने और पूछताछ के लिए बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे लिमिटेड (बीआईएएल) की पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस उपायुक्त कृष्णास्वामी (पूर्वोत्तर विभाजन) ने कहा कि आप्रवासन और बीआईएएल अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्टों के आधार पर मामला दायर किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक महिला को पाठ्यक्रम के लिए टॉम ने 1,200 डॉलर और यात्रा वीज़ा के लिए 30,000 रुपये देने के लिए कहा गया था।

गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वे यकीन से नहीं कह सकते की टॉम ने अर्मेनिया की लड़कियों की भी तस्करी की होगी। लेकिन पुलिस ने मानव तस्करी के प्रयास के लिए उसे गिरफ्तार किया है।

पुलिस, टॉम के इतिहास की जांच कर रही है। अभी तक यह पता चल पाया है कि वह केरल से है और मंगलुरु में शिक्षा परामर्श केंद्र चलाता है।