अलग तरह का दल होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) भी जातिवादी राजनीति का सहारा लेने से पीछे नहीं हट रही है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा की प्रभारी आतिशी मार्लेना ने अगस्त में अपने नाम से 'मार्लेना' हटा दिया था। पार्टी उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में उतारना चाहती है। आरोप है कि इसीलिए उन्होंने अपनी जाति हटाई, क्योंकि मार्लेना सुनने में ईसाई लगता है और यह पार्टी के अभियान के लिए विपरीत स्थिति पैदा कर सकता है। हालांकि पार्टी ने इन आरोपों का यह कहते हुए खंडन किया था कि वह जाति की राजनीति नहीं करती। 

लेकिन अक्टूबर आते-आते आतिशी 'मार्लेना से सिंह' हो गई हैं। पार्टी की ओर से लगाए गए पोस्टरों में उन्हें आतिशी सिंह लिखा गया है। पार्टी का कहना है कि उनका मूल नाम आतिशी सिंह है। वह पंजाब के राजपूत परिवार से आती हैं। उनके परिजनों ने उन्हें 'मार्लेना' सरनेम दिया था। यह कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन से मिलकर बना है। 

दरअसल, पटपड़गंज के बद्रीनाथ पार्क में क्षत्रिय विचार मंच द्वारा आयोजित विजय दशमी शस्त्र पूजन एवं वार्षिक समोराह में वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ शामिल हुई थीं। यहां मंच पर लगे पोस्टरों में उन्हें आतिशी सिंह लिखा गया था। 

पोस्टर से पहले वह अपना टि्वटर हैंडल भी बदल चुकी हैं। उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट को  @Atishimarlena से @AtishiAAP कर लिया था। यह बदलाव पार्टी के सभी रिकॉर्ड और प्रचार सामग्री तथा आप की वेबसाइट पर भी किया गया है।

नाम से मार्लेना हटाने के बाद आतिशी ने कहा था, 'मेरा वास्तविक सरनेम सिंह है। मैं एक पंजाबी राजपूत परिवार से हूं। अगर मुझे वोटरों को प्रभावित करना होता तो मैं अपने असली सरनेम 'सिंह' का इस्तेमाल करती। मैं अपनी जाति के आधार पर वोटरों को प्रभावित नहीं करूंगी।'

वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया था कि भाजपा उन्हें विदेशी और ईसाइ बताने पर तुली है। पार्टी इन आरोपों की सफाई देने में समय बर्बाद नहीं करना चाहती, इसलिए नाम से 'मार्लेना' हटाने का फैसला किया गया है।

अभी यह साफ नहीं हुआ है कि क्या उन्होंने खुद अपना नाम फिर से बदल लिया है या फिर किसी कार्यकर्ता ने गलती से उन्हें आतिशी सिंह लिख दिया। हालांकि पार्टी की ओर से सफाई नहीं आई है लेकिन पिछली बार दी गई सफाई से लगता है कि यह जानबूझकर की गई 'गलती' है।