नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश पर हमला करने वाले प्रशांत किशोर और पार्टी महासचिव पवन कुमार को बाहर करने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह संग 2 फरवरी को रैली करने का फैसला किया है। पीके और पवन वर्मा दिल्ली में भाजपा के साथ गठबंधन पर ही सवाल उठा रहे थे। लिहाजा पार्टी से बाहर करने के एक दिन बाद नीतीश कुमार ने ये फैसला किया है। जनता दल यूनाइटेड दिल्ली की दो सीटों पर लड़ रही है, जबकि अन्य  सीटों पर भाजपा को समर्थन दे रही है। 

आगामी 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा और लोजपा के साथ गठबंधन में जदयू ने दिल्ली के संगम विहार निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल-युनाइटेड (जदयू) ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के वर्मा को बुधवार को अपनी पार्टी से बाहर कर दिया है।

इसके बाद  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ 2 फरवरी को दिल्ली के संगम विहार में एक चुनावी रैली में शामिल होने का फैसला किया है।  इस रैली में नीतीश कुमार अमित शाह, नित्यानंद राय और एनडीए के अन्य नेता जनता को संबोधित करेंगे। इससे भाजपा को मजबूती मिलेगी। क्योंकि दिल्ली में पूर्वांचल का वोट बैंक काफी निर्णायक है। 

नीतीश कुमार के प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बाहर निकालने के बाद ये रैली काफी अहम है। क्योंकि ये दोनों नेता दिल्ली में भाजपा के साथ दो सीटों पर गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार पर ही सवाल उठा रहे थे। गौरतलब है कि दिल्ली के संगम-विहार में बिहार के लोगों का दबदबा है। लिहाजा नीतीश कुमार की रैली काफी अहम मानी जा रही है। हालांकि अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि नीतीश कुमार अन्य जगहों पर चुनाव प्रचार करेंगे या फिर जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी के लिए ही प्रचार करेंगे।