अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया दलाल क्रिश्चियन मिशेल 'गंभीर डिस्लेक्सिया' से पीड़ित है। उसके वकील एल्जो के जोसेफ ने पटियाला हाउस अदालत में यह दावा किया है। मिशेल की रिमांड बुधवार को खत्म हो रही है। अब संभावना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसी मामले में उसकी कस्टडी की मांग कर सकता है। इसके लिए सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए केस को ही आधार बनाया गया है। 

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने जब मिशेल से लिखने को कहा तो उसने इससे इनकार कर दिया। वह जांच में सहयोग भी नहीं कर रहा है। वह अपनी हैंड राइटिंग भी नहीं पहचान पा रहा है। उसने जांचकर्ताओं से कहा है कि उसे नोट्स और डायरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। माइकल के वकील जोसेफ ने कोर्ट से अपने मुवक्किल के लिए 'मानवीय आधार' पर विचार करने को कहा है। 

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डिस्लेक्सिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें पढ़ने में दिक्कत होती है, क्योंकि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति शब्दों की ध्वनि पहचान नहीं पाता। उसे शब्दों को जोड़ना सीखने में भी दिक्कत होती है। इसके पढ़ने में परेशानी देने वाली विसंगति भी कहते हैं। डिस्लेक्सिया दिमाग के ऐसे हिस्से को प्रभावित करता है जो भाषा को पहचानने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होता है। 
 
जोसेफ के वकील की ओर से कोर्ट में कहा गया है, 'आरोपी डिस्लेक्सिया की गंभीर स्थिति में है। अगर जरूरत हो तो इससे लिए एक स्वतंत्र मेडिकल परीक्षण कराया जा सकता है। आरोपी विदेशी नागरिक है और इस केस तथा लगे आरोपों के कारण उसने अपनी सभी  संपत्ति एवं व्यापार गंवा दिया है। उसे कस्टडी से आजाद किया जाना चाहिए ताकि दस्तावेज जमा कर अपनी बेगुनाही साबित कर सके।'

मिशेल के वकील ने कोर्ट के समक्ष 'मानवीय आधार' का हवाला देते हुए कहा, 'लगातार कस्टडी में रहने से वह मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर हो गया है। वह किसी भी परिस्थिति को लेकर तैयार है। अगर अदालत द्वारा ऐसी कोई समयसीमा दी जाती है जिसमें आरोपी को पूछताछ के लिए पेश करने को कहा जाता है तो वह आने को तैयार है। वह पूछताछ की प्रक्रिया में भी शामिल होने को तैयार है। चाहे समय कोई भी हो। '

चार दिसंबर को क्रिश्चियन मिशेल को यूएई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। भारत की जांच एजेंसियों उसे लाने के लिए काफी समय से प्रयास कर रही थीं। इस पूरे ऑपरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल की निगरानी में अंजाम दिया गया। जांच के दौरान सीबीआई ने एक हाथ से लिखा नोट बरामद किया था। 

इस पेज में 13 शब्दों को शॉर्ट फॉर्म में लिखा गया है। इन्हें 'Bur', 'Pol' और 'All' में बांटा गया है। प्रत्येक कॉलम में क्रमशः छह, दो और पांच शॉर्ट फॉर्म में लिखे नाम हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये रक्षा अधिकारियों, शीर्ष कांग्रेस नेताओं, मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के हो सकती हैं।

इस नोट में प्रत्येक कॉलम में लिखी गई राशि के आगे यूरो का चिह्न बना है। ऐसा समझा जाता है कि मिशेल द्वारा 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में ये राशि मंत्रियों, नौकरशाहों और अन्य को दी गई।