केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की सेवा के दौरान शहादत देने वाले पुलिसकर्मियों को रविवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। शाह ने कहा कि इन शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही भारत सुरक्षित है। शाह अपने पहले आधिकारिक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे।

राजधानी के चाणक्यपुरी क्षेत्र स्थित इस स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे गृहमंत्री बनने के बाद आज मैंने सबसे पहला सार्वजानिक कार्यक्रम 'नेशनल पुलिस मेमोरियल' पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का किया। 34,000 से ज्यादा पुलिस और सुरक्षा बलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इन शहीदों के सर्वोच्च बलिदान से ही आज हमारा महान भारत सुरक्षित है।'

गृहमंत्री ने कहा कि वह स्मारक जाकर अभिभूत हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मैं इन सभी शहीद जवानों और उनके परिजनों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। यहां आकर अदम्य चेतना, ऊर्जा प्राप्त हुई और देश के लिए सबकुछ कर गुजरने की इच्छा और प्रबल हुई। वंदे मातरम।'

उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी बहादुरी और साहस को सलाम करता हूं। कृतज्ञ राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए उनका ऋणी रहेगा।’ केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन भी शाह के साथ थे।  

राष्ट्र की रक्षा में अपना जीवन बलिदान करने वाले 34,000 से अधिक पुलिसकर्मियों के सम्मान में इस स्मारक का निर्माण किया गया है। नेशनल पुलिस मेमोरियल 30 फुट लंबा और 238 टन काले ग्रेनाइट का ढांचा है। पिछले साल पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका अनावरण किया था।

इससे पहले, शाह ने शनिवार को गृहमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश की सुरक्षा और जनता का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकताएं हैं। मोदी के नेतृत्व में मैं इन सभी प्राथमिकताओं को पूरा करने का भरपूर प्रयास करूंगा।’इतने संवेदनशील मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने के लिए शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘आज मैंने भारत के गृहमंत्री का कार्यभार संभाल लिया। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझमें भरोसा जताया।’ 

गृह मंत्रालय में उनके साथ दो राज्यमंत्री भी हैं। इनमें तेलंगाना से जीतकर आए जी कृष्णा रेड्डी और बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय शामिल हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि शाह आतंकवाद और अवैध प्रवास को कतई बर्दाश्त नहीं करने की राजग की नीति को प्राथमिकता देंगे। नए गृहमंत्री का तात्कालिक कार्य जम्मू कश्मीर में स्थिति से निपटना होगा, जहां इस वक्त राष्ट्रपति शासन लगा है और उन्हें असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के प्रकाशन से उत्पन्न स्थिति से भी निपटना होगा।