कोर्ट ने कार्ती चिदंबरम की विदेश जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि हमारे पास करने के लिए और भी काम हैं, और कार्ती को फिलहाल वहीं रहने दीजिए, जहां वह हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले की सुनवाई आउट ऑफ टर्न नहीं की जाएगी। 

इससे पहले भी एक बार मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की विदेश जाने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि लोग विदेश आते जाते रहते है, फिलहाल देश मे ही रहने दीजिए। यह मामला ऐसा नही है , जिस पर कल ही अर्जेंट सुनवाई की जाए। सीजेआई ने कहा था कि जजों के पास इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण केस निपटाने के लिए है। 
ज्ञात हो कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रही है। जिसमे विदेश से 305 करोड़ रुपये धन प्राप्त करने के आरोप है। 

यह मामला तब का है, जब उनके पिता पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम कोर्ट से मिली विदेश यात्रा की स्वतंत्रता का स्पष्ट रूप से दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि जांच से वह बच सके।

उधर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील में पिता पुत्र की 1 फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दी है। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश की गई आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी नंबर 1 बताया था। एयरसेल-मैक्सिस डील में कुल नौ आरोपियों के नाम ईडी ने शामिल किए है। आरोप पत्र में वित्तमंत्री रहते पी चिदंबरम पर अपने पद और दफ्तर का दुरुपयोग का आरोप लगाया है।