लखनऊ। उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों में अपने आक्रामक विरोध प्रदर्शनों के जरिए अपनी धमक का एहसास करने वाली भीम आर्मी अगले महीने अपने राजनैतिक दल का ऐलान करेगी। माना जा रहा है कि भीम आर्मी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी में जुट गई है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को लखनऊ के डालीबाग में नजरबंद किया है। लेकिन भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा है कि 15 मार्च को वह राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे। हालांकि चंद्रशेखर ने ये नहीं बताया कि वह इसकी घोषणा कहां करेंगे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है कि भीम आर्मी ने यूपी में 2022 को होने वाले विधानसभा की तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। क्योंकि पिछले कुछ महीनों के दौरान भीम आर्मी ने विरोध प्रदर्शनों के जरिए अपनी धमक का एहसास राजनैतिक दलों का कराया है।

हालांकि पिछले दिनों भीम आर्मी  के प्रमुख चंद्रशेखर की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात भी हुई हैं। लेकिन दोनों इसके लिए पत्ते नहीं खोले हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि देशभर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भीम आर्मी अहम भूमिका होगी। भीम आर्मी बसपा के फार्मूले के तहत ही अपने को स्थापित कर रही है। लिहाजा भीम  आर्मी  के  राजनैतिक दल के तौर पर स्थापित होने के बाद सबसे ज्यादा  मुश्किलें बसपा की ही बढ़ेंगी। इसके लिए बसपा प्रमुख कई बार भीम आर्मी के खिलाफ बयान दे चुकी हैं।  बसपा का मानना  है कि भीम आर्मी के कारण ही राज्य में उसका वोट शेयर घटेगा।  क्योंकि भीम आर्मी और बसपा का वोट बैंक एक ही है।

फिलहाल रविवार को लखनऊ में भीम आर्मी में बसपा के कई नेता शामिल हुए हैं। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामलखन चौरसिया, इजहारुक हक और अशोक कुमार चौधरी ने रविवार को भीम आर्मी की सदस्यता ग्रहण की। इन नेताओं के भीम आर्मी में शामिल होने के बाद चंद्रशेखर ने कहा कि कहा कि वह संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं और आने वाले दिनों में बसपा के साथ ही कई राजनैतिक दलों के नेता उनके साथ जुड़ेंगे,खास  तौर से पश्चिमी यूपी के कई नेता उनके साथ संपर्क में हैं।