आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई को केस चलाने के लिए कानून मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम आरोपी है।

दरअसल सीबीआई ने कानून मंत्रालय से दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की इजाजत मांगी थी। 25 जनवरी को सीबीआई और ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली हाइकोर्ट को कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में उन्हें आरोपियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ करनी है। 

सीबीआई का आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया से 10 लाख की रकम बतौर रिश्वत ली थी। सीबीआई ने कहा है कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ चल रहे टैक्स की जांच के मामले को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रभावित करने की कोशिश की थी।  

केंद्र सरकार पहले ही एयरसेल मैक्सिस केस में पी चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को दे चुका है। सीबीआई ने दावा किया है कि उसके पास मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तमाम सबूत मौजूद है। 

ज्ञात हो कि जांच एजेंसियां पहले भी पी चिदंबरम और उनके बेटे से इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। कानून मंत्रालय के इस आदेश से पी चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। 

प्रवर्तन निदेशालय इस मीडिया ग्रुप को 2007 में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से क्लियरन्स दिए जाने की जांच कर रही है।  प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला है कि एफआईपीबी से मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशकों पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी चिदंबरम से मुलाकात की थी। 

इस मामले में ईडी ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और एक फर्म से जुड़ी 54 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया है। इसके अलावा एजेंसी ने पीटर मुखर्जी से जुड़ी कुछ संपत्तियों को भी जब्त किया है।