सीबीआई जल्द ही उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले की आरोपी आईएएस अफसर बी. चंद्रकला को कभी भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुला सकती है. इस मामले में चंद्रकला के साथ ही राज्य सरकार के कुछ अफसर और सपा नेताओं को सीबीआई ने आरोपी बनाया है. सीबीआई ने यूपी समेत कई हिस्सों में शुक्रवार को छापा मारने के बाद कई अहम दस्तावेज जुटाए हैं और इसी आधार पर उनसे पूछताछ की जा सकती है और इसके लिए उन्हें सीबीआई हेडक्वार्टर बुलाया जा सकता है.

बहरहाल राज्य के बिभिन्न हिस्सों में छापा मारने के बाद अभी तक की जांच में मिले अहम दस्तावेजों के साथ सीबीआई टीम दिल्ली रवाना हो गई है. हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला के लगभग पौने तीन वर्ष के कार्यकाल की जांच की जा रही है. अभी तक की जांच के बाद चंद्रकला व सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, अवैध वसूली की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. अवैध खनन में सिंडीकेट के हिस्सेदारों व कुछ कम्पनियों के ठेकेदारों से सीबीआई ने पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये हैं. इन बयानों के आधार पर कई बड़े लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है.

वहीं सीबीआई ने इसके अलावा लगातार दो दिनों तक यूपी के कई जनपदों में मौरंग खनन से संबंधित कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. सीबीआई अब चंद्रकला को दिल्ली भी बुला सकती है. फिलहाल, सपा शासनकाल से चले मौरंग सिंडीकेट की जड़ों को सीबीआई खोजने में लगी है. सीबीआई की जांच सिंडीकेट पर आधारित है। वह सिंडीकेट चलाने वालों व उनकी जड़ें कहां तक फैली हैं, की खोज कर रही है। एजेंसी की जांच के दायरे में पूर्व खनिज मंत्री गायत्री प्रजापति, उनके कई सहयोगियों से लेकर कई अधिकारी व नेता हैं. बहरहाल सीबीआई के कसते शिकंजे अवैध मौरंग खनन करने वाले लोगों की परेशानी वर्तमान में बढ़ी हुई है। सीबीआई टीम ने हमीरपुर, बांदा, जालौन जैसे मौरंग खनन वाले कई स्थानों की फोटोग्राफी करा ली है.

पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला की तैनाती पहली बार हमीरपुर में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने जुलाई, 2012 के बाद हमीरपुर में मौरंग खनन के 50 पट्टे किए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिये स्वीकृति देने का प्रावधान था. हालांकि राज्य में खनन विभाग पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था और बाद में इस मुलायम के करीबी विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति को दे दिया गया. लिहाजा सीबीआई जांच की आंच से अखिलेश यादव नहीं बच सकते हैं. लिहाजा शनिवार को अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर केन्द्र सरकार द्वारा सीबीआई का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.