बंगाल के शारदा घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीबीआई द्वारा दाखिल नई याचिका में कहा गया है कि राजीव कुमार जांच में सहयोग नही कर रहे है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट राजीव कुमार को गिरफ्तार करने की अनुमति दे ताकि उनसे पूछताछ की जा सके।

सीबीआई ने यह भी कहा है कि राजीव कुमार सीबीआई द्वारा पूछे गए सही सवालों का जवाब नही दे रहे है। सीबीआई ने आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि कुमार शारदा घोटाले से संबंधित सबूतों को नष्ट कर सकते है। राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की ओर से हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था। जिसको देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि रिपोर्ट के मुताबिक राजीव कुमार पर गंभीर आरोप है।

लिहाजा राजीव कुमार सीबीआई की इस रिपोर्ट के बाद कुछ कहना चाहते है तो 10 दिन में अपना जवाब कोर्ट के दे। उसके बाद कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। बतादें कि इस साल फरवरी के पहले हप्ते में पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम राजीव कुमार के घर पहुची तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थी। सीबीआई के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को शिलॉन्ग स्थित सीबीआई दफ्तर में पेश होने को कहा था। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि राजीव कुमार को गिरफ्तार न किया जाए। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और ईमानदारी से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था।

हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया था कि कुमार को गिरफ्तार नही किया जाएगा। शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बनाया गया था।