मध्य प्रदेश के जबलपुर में तब सनसनी फैल गई। जब आरपीएफ ने छापा मारकर रेल टिकट दलालों के बड़े गैंग का खुलासा किया। यह लोग नकली आईडी बनाकर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) से टिकट बुक करते थे। 

आरपीएफ ने बताया, कि जबलपुर के कृष्णा ट्रैवल्स के संचालक प्रदीप यादव ने अपने सहयोगी मदनलाल की मदद से आइआरसीटीसी की 13 फर्जी आइडी बनाई और इनसे तकरीबन 720 ई-टिकट बुक कर डाली।

यह गैंग लोगों को कन्फर्म टिकट देने का दावा करता था और इसके एवज में तीन से चार गुना ज्यादा रकम वसूल करता था। इनकी सबसे ज्यादा कमाई महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों से होती थी। 

इस मामले में कई रेलवे के कई कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका है। आगे की जांच में उनके नाम भी सामने आ सकते हैं।

बुक किए गए टिकटों की कीमत 15 लाख रुपये बताई जा रही है। जांच अधिकारियों ने ट्रैवल्स के ऑफिस से कंप्यूटर, प्रिंटर जब्त करते हुए प्रदीप और उसके सहयोगी मदनलाल को गिरफ्तार कर लिया है।

आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदीप और मदनलाल ने 13 जी-मेल की फर्जी आइडी की मदद से आइआरसीटीसी की फेक आइडी बनाई। इनसे वे तत्काल से लेकर सामान्य टिकट तक बुक करते थे। 

कंप्यूटर की हार्डडिस्ट में करीब 720 टिकट मिली है। इन सभी टिकटों के प्रिंट निकालकर जांच की जा रही है। जांच में और ई-टिकट मिलने की आशंका है। जिसके बाद आंकड़ा 20 लाख रुपये के पार जा सकता है।

आरपीएफ के मुताबिक कृष्णा ट्रैवेल्स से कई और ट्रैवेल्स जुड़े हैं, जो जबलपुर, कटनी, सागर, सतना, भोपाल, इंदौर से लेकर नागपुर, मुंबई, पटना व अन्य बड़े शहरों में काम कर रहे हैं। 

त्योहारों के मौके पर ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट के कारण पैसेंजर इनके झांसे में आसानी से आ जाते थे।