पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के सबूत मांगने को लेकर कांग्रेस के नेताओं में होड़ लग गई है। दिग्विजय सिंह के हवाई हमले को लेकर सबूत मांगने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ  नेता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं। 

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कह रही है कि कोई आतंकी नहीं मारा गया है। इसपर जवाब दिया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हवाई हमले में हताहतों की संख्या सामने न आने पर सवाल उठाए। पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी सेना का राजनीतिकरण बंद करने की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पटना में एनडीए की रैली के दौरान विपक्ष के वायुसेना की कार्रवाई को लेकर सबूत मांगने पर जमकर निशाना साधा था। पीएम ने कहा था कि विपक्ष की इस मांग से पाकिस्तान में तालियां बज रही हैं।  

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, न्यूयॉर्क टाइम्स, लंदन स्थित जेन इनफॉर्मेंशन ग्रुप, वॉशिंगटन पोस्ट, डेली टेलीग्राफ, द गार्डियन और रायटर्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों को नुकसान होने की कोई खबर नहीं दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आतंकवाद का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'मैं पीएम से यह पूछना चाहता हूं कि क्या अंतरराष्ट्रीय मीडिया पाकिस्तान का समर्थन कर रही है? जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया पाकिस्तान के खिलाफ बोलती है तो आप खुश होते हैं। क्या उनका सवाल पूछना पाकिस्तान के समर्थन के कारण है?' 

इससे पहले, पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने हताहतों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कोई नागरिक या सैनिक हताहत नहीं हुआ तो हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई?  चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'एक गौरवशाली नागरिक के तौर पर मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं लेकिन, अगर हम ये चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो, तो सरकार को विपक्ष को कोसने की बजाए इसके लिए प्रयास करने चाहिए।' 

उधर, इन दिनों पाकिस्तान प्रेम में डूबे कांग्रेस के पंजाब से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट कर पूछा, 300 आतंकवादी मरे, हां या नहीं? तो इसका क्या उद्देश्य था? आप आतंकियों को मार गिराने गए थे या पेड़ों को? क्या यह चुनावी हथकंडा है? विदेशी शत्रु से लड़ने के नाम पर हमारे लोगों से छल हुआ है। सेना का राजनीतिकरण बंद कीजिए।' इसके आखिर में सिद्धू ने लिखा है, 'ऊंची दुकान, फीका पकवान।' 

इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के सबूत जारी करने की  मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई के सबूत जारी किए थे, उसी तरह हमें भी सबूत जारी करने चाहिए। उन्होंने कहा था, 'मैं सेना की कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं खड़े कर रहा। यह तकनीक का युग है, आज हम बात कर रहे हैं, यह किसी से छुपा नहीं है। खुले में तो सैटेलाइट के माध्यम से सारी तस्वीरें सामने आ जाती हैं। जिस तरह के प्रमाण अमेरिका की सरकार ने ओसामा बिन लादेन के बारे में पूरे विश्व को दिए थे, उसी तरह के प्रमाण हमें भी देने चाहिए।' 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हवाई हमले को लेकर सवाल उठा चुकी हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि देश को यह जानने का हक है कि बालाकोट में हवाई हमले के बाद वाकई क्या हुआ, क्योंकि कई विदेशी मीडिया ने खबर दी है कि हवाई हमले में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।