पुलवामा आंतकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन में है। देश में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त माहौल है और हर कोई पाकिस्तान पर एक्शन लेने को कह रहा है। भारत को अपने मित्र देशों का भी साथ मिल रहा है। लेकिन अब भारतीय वायु सेना को और शक्ति मिल गयी है। स्वदेशी फाइटर प्लेन तेज को डीआरडीओ से अनुमति मिल गयी है। जिसके बाद इसके भारतीय वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है।

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को डीआरडीओ ने अपनी अंतिम अनुमति दे दी है। इससे अब जल्द ही तेजस के भारतीय वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद बढ़ गयी है। अभी तक इसका ट्रायल चल रहा था। तेजस को पूरी तरह से स्वदेश तकनीक पर विकसित किया है। ये दुश्मन के किसी भी टारगेट को पल भर में खत्म कर सकता है। तेजस को डीआरडीओ की ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन किया है। जानकारी के मुताबिक इस फाइटर प्लेन के लिए 1983 में योजना बनाई गयी थी और उसके बाद इसे अमली जामा पहनाने में दस साल से ज्यादा का समय लगा और 1993 में इसके लिए केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी।

इस स्वदेशी फाइटर जेट को हिंदुस्तान ऐरोनॉटिकल लिमिटेड ने तैयार किया है। बुधवार को ही वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने कहा कि तेजस अब पूरी तरह से ऐक्शन के लिए तैयार है। यानी साफ है कि जल्द ही तेजस भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा और इससे भारतीय वायुसेना की शक्ति में इजाफा होगा। धनोआ ने कहा कि अप्रैल 2018 में आयोजित गगन शक्ति में भी इसका प्रदर्शन दिखा था और यह एयरक्राफ्ट कितने सटीक निशाने पर हथियार गिरा सकता है।

तेजस की खूब बताते हुए उन्होंने कहा कि इसने हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मोड में अच्छा काम किया है। पायलट्स भी इससे काफी खुश हैं। तेजस को डीआरडीओ से अनुमति मिलने के बाद एचएएल को अब 83 नए एयरक्राफ्ट बनाने का काम मिलेगा। इससे पहले भी भारतीय वायुसेना ने एचएएल को 40 तेजस एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है, जिसमें से एचएएल ने 14 तैयार करके दे दिए हैं।