प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े तीन लोगों के ठिकानों पर शुक्रवार को छानबीन की। सूत्रों की मानें तो ईडी की कार्रवाई अभी जीर है। एजेंसी ने रक्षा सौदों में कुछ संदिग्धों द्वारा कथित तौर पर कमीशन लिए जाने और विदेशों में अवैध संपत्ति रखने के मामले से जुड़ी जांच के सिलसिले में ये तलाशी ली है। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत मिले हैं जिसमें वाड्रा की संपत्ति को लेकर खुलासे हुए हैं। कहा जा रहा है कि लंदन और भारत के अलग-अलग शहरों में वाड्रा के नाम की प्रॉपर्टी है।

प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पहली बार वाड्रा के सहयोगियों का नाम रक्षा सौदों में कथित तौर पर कमीशन लेने से जोड़ा गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु के विभिन्न ठिकानों पर दोपहर 12 बजे से छानबीन शुरू की गई। ईडी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि 'वाड्रा की कंपनियों के दो कर्मचारियों और एक अन्य व्यक्ति के ठिकानों की छानबीन की गई। इन लोगों ने संदिग्ध तौर पर रक्षा सौदों से कमीशन हासिल किया और उस राशि का इस्तेमाल विदेशों में अवैध संपत्तियों की खरीद में किया।'

खास बात यह है कि सीबीआई द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन जेम्स माइकल को प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाए जाने के तीन दिन बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है। ईडी ने दावा किया कि एजेंसी को कुछ ‘नए साक्ष्य’ मिले हैं, जिनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सूत्रों ने उन व्यक्तियों के नामों को सार्वजनिक नहीं किया जिनके ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। उसने कहा कि ‘छानबीन की कार्रवाई जारी है।’ 

सीबीआई द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन जेम्स माइकल को प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाए जाने के तीन दिन बाद ईडी ने ये कार्रवाई की है। वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने इस छानबीन पर नाराजगी जाहिर है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की टीम बिना ‘तलाशी वारंट’ दिखाए के उनके मुवक्किल के सहयोगियों के परिसरों में घुस गई। उन्होंने दावा किया कि परिसर भीतर से बंद हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया।  खेतान ने दावा किया कि संभवत: मनगढ़ंत साक्ष्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

कांग्रेस बोली, पांच राज्यों में हार देखकर बदला ले रही मोदी सरकार

कांग्रेस ने भी इस कार्रवाई के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार तय देखकर मोदी बदले की भावना से काम कर रहे हैं ताकि लोगों का ध्यान भटकाया जा सके। वाड्रा की कंपनियो सें जुड़े लोगों के परिसरों पर छापेमारी के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार के दिन अब पूरे हो गए हैं, पर निरुंकुश बादशाह पर बादशाहत ऐसी चढ़ी है कि नियम-कानून-संविधान सब पांव तले रौंद रहे हैं। पांच राज्यों में स्पष्ट हार का सामना कर रहे प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने हथकंडों पर उतर आए हैं। रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बदले व प्रतिशोध की भावना से रेड करवाओ और भाजपा की हार से ध्यान भटकाओ।’ 

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई, आयकर व ईडी अब स्वतंत्र जांच एजेंसी की भूमिका की बजाय मोदी के निजी गुलाम की तरह काम कर रहे है। उन्हें न नियम कायदों की कद्र है और ना ही राजनीतिक शुचिता की चिंता। दूसरी तरफ मोदी प्रधानमंत्री की बजाय अब एक ‘डॉन’ की भूमिका में है तथा अपने गरिमामयी पद का दुरुपयोग राजनीतिक विरोधियों के प्रति बदला लेने के लिए कर रहे हैं।’ 

सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या आपने ऐसी सरकार देखी है जो जनता की गाढ़ी कमाई लेकर भागने वाले भगौड़ों के लिए रेड कारपेट बिछाए। मेहुल भाई के लिए एंटीगुआ में नागरिकता का इंतजाम करें। ललित भाई को पूरा सहयोग और दुनिया घूमने की सुविधा दें। लाखों-करोड़ रुपए के बैंक घोटालों पर आँख मूंद लें।’

उन्होंने कहा, ‘बादशाह ने दीवारों पर लिखी इबारत साफ पढ़ ली है और अपनी सल्तनत से जनता की बेरुखी भी भांप ली है। पांच राज्यों में विपक्ष को जीतता देख कर पूरी भाजपा और इनके नेता बौखलाहट में हैं। जनता अब इनसे कह रही है कि हमें 15 लाख रुपए दिलवाओ, हमें 2 करोड़ सालाना रोजगार दिलवाओ, हमें फसलों की दोगुनी कीमत दिलवाओ, हमें 1000 की बजाए 350 रुपए के गैस सिलेंडर दिलवाओ, हमें 40 रुपए की कीमत पर पेट्रोल और डीजल दिलवाओ।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इन प्रश्नों को सुनकर बेलगाम बादशाह के पांव तले की जमीन खिसक गई, पसीने छूट गए। फिर क्या था! रातों-रात फरमान जारी हुआ, नए मुद्दे खोजे गए, जनता को गुमराह करने वाले मुद्दे। कहीं दंगे कराए गए, कहीं लोगों को आपस में लड़वाया गया और उसी फेहरिस्त में पुराने मनगढंत केसों को जबरदस्ती खंगाला गया और बदले की भावना से उन्हें निर्दोष लोगों पर मढ़ दिया गया। आज की छापेमारी भी मोदी सरकार की उसी आपराधिक मानसिकता के तौर-तरीके से जुड़ी है।’