जयपुर से देवेन्द्र सिंह की विशेष रिपोर्ट

राजस्थान की सरकार ने कांग्रेस की सरकार बनते ही एक बार फिर कांग्रेस के नेताओं के नाम सार्वजनिक भवनों और योजनाओं के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरु कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य में प्रत्येक पंचायत स्तर पर आमजन को सरकारी सुविधाओं के केन्द्र के रुप में बने अटल सेवा केन्द्र का नाम फिर से राजीव सेवा केन्द्र किया जाएगा.

गहलोत ने यह घोषणा निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के विधानसभा में उठाए मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश की पालना के तहत प्रदेश में अटल सेवा केन्द्रों का नाम बदलकर फिर राजीव सेवा केन्द्र कर दिया जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया पहले से ही शुरु कर दी है. गहलोत ने पूर्व भाजपा सरकार पर योजनाओं व सार्वजनिक भवनों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नाम बदलने का कोई औचित्य नहीं था,

लेकिन भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार ने पांच वर्ष में केवल नाम बदलने का काम ही किया है. गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भारत रत्न मिला था और अटल बिहारी वाजपेयी को भी भारत रत्न मिला है लेकिन अटल बिहारी का नाम कोर्ट के आदेश के कारण मजबूरन अटल सेवा केन्द्र का नाम फिर राजीव सेवा केन्द्र बदलना पड़ेगा.राजस्थान विधानसभा में सोमवार को विधायक सयंम लोढ़ा ने कहा कि पूरे देश में राजीव सेवा केन्द्र नाम से चल रहे हैं,

लेकिन पूर्व में भाजपा सरकार ने बिना निर्धारित प्रक्रिया अपनाए एक लाइन के आदेश के आधार पर नाम अटल सेवा केन्द्र कर दिया. लोढ़ा ने कहा कि मामला कोर्ट में चले जाने के बाद न्यायालय ने राज्य सरकार के निर्णय को निरस्त कर दिया. उन्होंने राज्य सरकार से अटल सेवा केन्द्र का नाम बदलकर राजीव सेवा केन्द्र करने की मांग की. गौरतलब है कि सयंम लोढ़ा पूर्व में कांग्रेस के विधायक रहे है और वर्तमान में कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा कर निर्दलीय विधायक के रुप में चुनाव जीते है.