हथियारों का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने नया लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर विकसित किया है। जिसका आज सफल परीक्षण किया गया। 

इस हेलीकॉप्टर पर मौजूद अन्य हथियारों में 20मिमी गन और 70 मिमी रॉकेट शामिल हैं, जिनमें से फायरिंग ट्रायल पिछले साल ही पूरा हो चुका है।

एचएएल के मुखिया आर माधवन ने जानकारी दी कि ‘यह पहली बार है जब देश में किसी हेलिकॉप्टर से हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परिक्षण किया गया है’।

सैन्य सेवाओं वाले किसी भी हेलिकॉप्टर ने अभी तक ऐसी क्षमता का प्रदर्शन नहीं किया है। 

बताया जा रहा है कि इस लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) के पायलट को एक खास तरह का हेलमेट और विशेष किस्म का सिस्टम मिलेगा जिसे Forward looking infraded sightning system का नाम दिया गया है। 

इसके जरिए वह मैदान में हो या हवा में टारगेट को आसानी से देख सकेंगे और उसे खत्म कर सकेंगे। इसके जरिए वे बिना हेलिकॉप्टर घुमाए किसी भी दिशा में मिसाइल के जरिए निशाना साध सकते हैं। 

यह दुनिया का एकमात्र हेलिकॉप्टर है, जो सियाचिन ग्लेशियर तक की ऊंचाई पर भी अपना काम करने में सक्षम है।

इस हेलिकॉप्टर को एचएएल के रोटरी विंग रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (आरडब्ल्यूआरडीसी) ने डिजाइन और डेवलप किया है। इस हेलिकॉप्टर में ऐसी तकनीक शामिल की गई है, जिसके द्वारा एलसीएच पायलट किसी भी लक्ष्य को ढूंढकर जमीन या फिर आसमान में नष्ट कर सकता है।

रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) के लिए 10 और सेना के लिए 5 ऐसे एलसीएच हेलिकॉप्टर खरीदने की मंजूरी दी है।

अभी हाल ही में संसद भवन परिसर में तीनो सेनाध्यक्षों और रक्षा मंत्री की एचएएल प्रमुख आर माधवन के साथ बैठक हुई थी। 

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