जबरन छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के प्रमुख आलोक वर्मा के दिल्ली स्थित घर के बाहर से चार संदिग्धों को हिरासत में लेने के मामले में नया मोड़ आ गया है। खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने चारों के अपना अधिकारी होने की बात कही है। इसके बाद खुफिया ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को हिरासत में लेने और उनकी पहचान सार्वजनिक करने को लेकर दिल्ली पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। आईबी अपने अधिकारियों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखने को लेकर दिल्ली पुलिस में लिखित शिकायत देने जा रही है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने भी मामले में कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए हैं।  

आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, जनपथ रोड एक अत्यधिक संवेदनशील इलाका है। यहां कई मंत्री और शीर्ष अधिकारी रहते हैं। सुरक्षा के लिहाज से यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। किसी भी घटना को रोकने के लिए इस इलाके से खुफिया सूचनाएं जुटाने के लिए आईबी के अधिकारियों की तैनाती की जाती है। ये अधिकारी भी नियमित ड्यूटी पर थे।

इस बीच, दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि आलोक वर्मा के घर पर तैयात सुरक्षा कर्मियों को सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लेने के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। 

आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ब्यूरो के अधिकारियों को अवैध तरीके से हिरासत में रखने और स्थानीय पुलिस को सूचित किए बगैर घर के अंदर ले जाने के मामले में हम दिल्ली पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराने की सभी संभावनाओं का पता लगा रहे हैं।'

ब्यूरो के मुताबिक, 'आईबी का काम ऐसी खुफिया सूचना एकत्रित करना है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और आम लोगों को प्रभावित करने वाली हो सकती है। अन्य चीजों के अलावा, आईबी के अधिकारियों को नियमित तौर पर संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है। कई बार इस काम को स्थानीय कानूनी एजेंसियों की मदद से अंजाम दिया जाता है। कई बार औचक निगरानी भी की जाती है।'

आईबी का कहना है कि ये अधिकारी नियमित ड्यूटी पर थे। उनके पास अपने पहचानपत्र भी थे। यह कोई जासूसी नहीं थी। उसे बिना सामने आए गुप्त तरीके से अंजाम दिया जाता है। बृहस्पतिवार उसके चार अधिकारी एक ऐसी जगह पर रुके जहां लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। वह सिर्फ यह देखना चाह रहे थे कि लोगों की भीड़ क्यों जमा है। जनपथ रोड उच्च सुरक्षा वाला इलाका है। यहां कई वीआईपी रहते हैं। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया। 

इस बीच, दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर रैंक के अधिकारी ने कहा है कि 'हम मामले की जांच कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर जो वीडियो आए हैं उसमें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इकाई के कर्मचारी चार सरकारी अधिकारियों को आलोक वर्मा के घर के अंदर ले जाते दिख रहे हैं। उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। '