नई दिल्ली। अगर आप दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में रह रहे हैं तो गर्मी के मौसम में आप पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ये खतरा खासतौर से दो से तीन बजे के बीच में है। असल में तेज धूप और प्रदूषण से दिल्ली समेत एनसीआर में ओजोन प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। जिसका असर सीधे तौर पर फेफड़ों, हार्ट और सीने में जकड़न पर असर होता है। जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक वायु में ओजोन की मात्रा बढ़ जाने के कारण फेफड़ों और हार्ट में असर होता है। इससे क्रोनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज होने का खतरा होता है ओजोन के नकारात्मक प्रभार दूर करने के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और ऑर्गेनिक कंपाउंड पर नियंत्रण करना जरूरी होता है।

लेकिन एनसीआर में तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण ओजोन प्रदूषण का खतरा आप पर भी मंडरा रहा है। ये खतरा खासतौर से दो से तीन बजे की बीच ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि इस दौरान धूप और गर्मी सबसे तेज होती है। जिन लोगों को अस्थमा, सांस और फेफड़ों की बीमारियां हैं, उन्हें ओजोन के कारण दिक्कतें बढ़ने लगती हैं।

क्योंकि ओजोन की वजह से फेफड़ों के टिशू पर असर होता है। इसके कारण  छाती में दर्द, कफ, सिरदर्द, छाती में जकड़न की समस्या आती है। इसके लिए हार्ट और ब्रोंकाइटिस की बीमारियों में भी ओजोन काफी घातक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में ओजोन के कणों की मौजूदगी बहुत ज्यादा दर्ज की गयी है।

जिसके कारण राजधानी दिल्ली में दो करोड़ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं। बोर्ड ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसके मुताबिक पीएम 10 और पीएम 2.5 के आधार पर ही वायु की क्वालिटी को आंका जाता है और इन दिनों ओजोन की मात्रा हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 से भी अधिक है।

चौंकाने वाली जानकारी ये है कि ओजोन की मात्रा इसमें ज्यादा आंकी की गयी है। यही नहीं दिल्ली के साथ ही गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा,नोएडा और गुरुग्राम में भी हवा में ओजोन के कणों की मौजूदगी मिली है। लिहाजा बोर्ड ने एनसीआर के लोगों के लिए ओजोन से बचाव के अलर्ट किए हैं। जानकारी के मुताबिक महज तीन जून को ओजोन की मात्रा हवा में कम मिली है। जबकि 25 से लेकर 30 मई के बीच ओजोन का प्रदूषण मौजूद रहा था।