खुफिया एजेंसियां बड़ी ही खामोशी से देशभर में आतंकी  संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रभाव में आए युवाओं के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही हैं। 'माय नेशन' को मिले एक्सक्लूसिव दस्तावेजों से पता चलता है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी को ऐसे युवाओं के बारे में ब्यौरा जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है, जो आईएस के लिए भारत में एंट्री प्वाइंट बन सकते हैं। आईएस के खिलाफ एजेंसियों के देशव्यापी अभियान के तहत महाराष्ट्र एटीएस ने खुफिया सूचना के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों से नौ संदिग्धों को पकड़ा है। 

यह एक महीने में दूसरा अवसर है जब आईएसआईएस के प्रभाव में आए युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। दिसंबर 2018 में एनआईए ने आईएस के एक मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए देश के 16 अलग-अलग हिस्सों से 19 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों पर दो महीने की निगरानी और जांच के बाद कार्रवाई की गई थी। महाराष्ट्र एटीएस की तरह एनआईए ने भी संदिग्धों के ठिकाने से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल बरामद किया था। 

इस बीच, आईबी ने संकेत दिया है कि उसने आईएसआईएस के खिलाफ देशव्यापी ऑपरेशन शुरू किया है। दुर्दांत आतंकी संगठन से सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में कार्रवाई की जा रही है। एक पत्र में आईबी की ओर से कहा गया है कि आईएस की तरफ युवाओं के झुकाव से भारत में इस आतंकी संगठन द्वारा हमले की आशंका बढ़ी है। इसलिए आईएस के प्रभाव में आ चुके युवाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। 

दरअसल, दिल्ली में हुई एक शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद आईबी की ओर से जारी किए गए इस पत्र में कहा गया है कि 'आईएस कुछ युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने में सफल रहा है। भारतीय अथवा विदेश में रहने वाले यहां के नागरिक आईएस की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। भारत में सक्रिया आतंकी संगठनों की मदद कर रहे हैं। इसने भारत में आईएस द्वारा प्रायोजित हमले की आशंका को बढ़ा दिया है।'
  
आईबी के मुताबिक, आईएस के भारत में प्रवेश को पूरी तरह रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। पत्र के मुताबिक, 'मुस्लिम युवाओं में बढ़ती कट्टरता और उनके जिहादी दुष्प्रचार तथा अप्रिय गतिविधियों में लिप्त होने से सुरक्षा का गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।'

महाराष्ट्र एटीएस का ऑपरेशन

एटीएस महाराष्ट्र ने ठाणे के मुंब्रा और औरंगाबाद में अपना अभियान सोमवार अल सुबह शुरू किया था। केंद्रीय एजेंसियों और स्थानीय खुफिया सूचनाओं के बाद शुरू हुई इस कार्रवाई में मुंब्रा से चार और औरंगाबाद से 5 संदिग्धों को दबोचा गया। शुरुआती पूछताछ के बाद सभी को आगे की जांच के लिए मुंबई लाया गया है। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पकड़े गए संदिग्धों में से चार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में भी शामिल होने वाले थे। एटीएस सूत्रों ने दावा किया है कि पकड़े गए संदिग्धों की उम्र 18 से 22 साल के बीच है। वहीं एक संभवतः नाबालिग है। 

एनआईए का ऑपरेशन

दिसंबर 2018 में आईएस के एक मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए 16 अलग-अलग जगहों से 19 लोगों को हिरासत में लिया था। इन सभी को दो महीने की कड़ी निगरानी और जांच के बाद पकड़ा गया था। उनके पास से 25 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था। इसमें पोटेशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर व दूसरी सामग्री शामिल थी। इसके अलावा 12 पिस्टल, 150 राउंड गोलियां, एक देशी रॉकेट लांचर, 112 अलार्म घड़ियां, मोबाइल फोन  सर्किट, बैटरियां, 51 पाइप, रिमोट कंट्रोल डेटोनेटर और आईएसआईएस से संबंधित सामग्री समेत अन्य विस्फोटक शामिल थे। इन छापों में 7.5 लाख रुपये कैश भी बरामद किया गया था।