14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। अब पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह की नापाक हरकत को रोकने के लिए सेना ने एक बड़ा फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में तैनात सेना की एयर डिफेंस यूनिटों को अब बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा, ताकि पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के हवाई हमले का तत्काल जवाब दिया जा सके। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया है। सेना की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब ऐसी रिपोर्ट हैं कि पाकिस्तानी सेना ने 300 टैंकों को सीमा पर तैनात कर रखा है। पाकिस्तानी सेना ने सामरिक लिहाज से अहम शाकरगढ़ सेक्टर में यह तैनाती कर रखी है। 

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर बम गिराए थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को हवाई हमले में निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की गई। 

एजेंसी ने सेना के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि एयर डिफेंस सिस्टम को सीमा के करीब तैनात करने से दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को तत्काल रोका जा सकेगा। उसे सीमा के करीब ही नाकाम करने में आसानी होगी। 

सेना की एयर डिफेंस यूनिट आर्मी एयर डिफेंस कोर (एएडी) के तहत आती है। इस समय इस कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल एपी सिंह के पास है। एएडी के पास जो हथियार प्रणालियां मौजूद हैं, उनमें डीआरडीओ-इस्राइल का संयुक्त उपक्रम एमआर-एसएएम, स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, बोफोर्स 40 एमएम तोप शामिल हैं। इसके अलावा एस-125 नेवा/पिकोरा, 2के22 तुगुस्का जैसी परंपरागत हथियार प्रणाली शामिल हैं। 

बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी सेना सीमा के काफी करीब आ गई थी लेकिन समय बीतने के साथ दोनों देशों ने सीमा पर सेना की मौजूदगी घटाई है। हालांकि ऐसा समझा जाता है कि पाकिस्तानी सेना की तीन ब्रिगेड 124 आर्म्ड ब्रिगेड, 125 आर्म्ड ब्रिगेड और 8 एवं 15 डिविजन अब भी इस इलाके में तैनात हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अपनी 1 व 2 कोर की ऑफेंसिव फॉर्मेशन को अभी तक नहीं हटाया है। शाकरगढ़ में इस तरह की तैनाती चिंता का कारण है।