दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में मंगलवार दोपहर से चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। इस एकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मारे गए हैं। 

सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों में जैश की स्नाइपर यूनिट का नंबर दो और आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा उस्मान हैदर शामिल है। सूत्रों की मानें तो मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को एक स्नाइपर राइफल भी मिली है। यह अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एम4 कार्बाइन है, जिसे कस्टमाइजेशन के बाद स्नाइपर राइफल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। यह राइफल उस्मान की तस्वीर में भी नजर आ रही है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'माय नेशन' को बताया कि  एनकाउंटर में अब तक सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है।

 सेना की 42 राष्ट्रीय राइफल्स, राज्य पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ की 180वीं बटालियन की एक संयुक्त टीम ने कुछ आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर मंडुर इलाके में कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।

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सर्च के दौरान छुपे हुए आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की। इसके बाद हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिरा। हालांकि आधिकारिक तौर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों की पहचान की पुष्टि नहीं की है लेकिन जैश की ओर से उस्मान की मौत पर एक वीडियो जारी किया गया है। 

हाल ही में सुरक्षा बलों पर आतंकियों की ओर से स्नाइपर हमले बढ़े हैं। कुलगाम में कुछ समय पहले हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद इस संगठन ने सुरक्षा बलों पर स्नाइपर हमलों की धमकी दी थी। इसके बाद स्नाइपर हमलों में 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं। 

क्या है एम-4 कार्बाइन

1994 के करीब अमेरिकी सेना में कार्बाइन एम4 की एंट्री हुई। एम4 को पहले इस्तेमाल की जा रही एम16 का ही छोटा और हल्का संस्करण माना जा सकता है। इसे किसी भी तरह की लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिकी सेना इसे इराक और अफगानिस्तान के युद्ध में कई बार प्रयोग कर चुकी है। एम4 कार्बाइन को जो चीज खास बनाती है, वह है इसकी कस्टमाइजेशन। इसमें कई सारी चीजें अटैच की जा सकती है। दूर तक देखने के लिए इसमें स्कोप लगाया जा सकता है जिससे निशाना और अच्छा हो जाता है। यह 600 मीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है और यह लगातार करीब 950 गोलियां दाग सकती है। स्कोप के इलावा इसमे नाइट विज़न डिवाइस भी फिट किया जा सकता है। एम4 कार्बाइन में थोड़े से बदलाव करके इसे ग्रेनेड लांचर भी बनाया जा सकता है। इतना ही नही सेकेंडरी वेपन के तौर पर इसे शॉटगन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।