जीतू से कई घंटों की पूछताछ के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। जिसके बाद जीतू को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम भारी सुरक्षा में कोर्ट लेकर पहुंची।

अदालत से जीतू फौजी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

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जीतू फौजी को सेना ने शनिवार रात मेरठ में एसटीएफ को सौंपा था। जीतू से  क्राइम ब्रांच के अलावा राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल ने भी पूछताछ की।

जिस दिन बुलंदशहर के स्याना में हिंसा हुई थी। उस दौरान जीतू छुट्टी पर घर आया हुआ था। हिंसा के बाद वह वापस ड्यूटी पर चला गया था। हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पास एक युवक नजर आ रहा था। जिसकी पहचान पुलिस ने जीतू फौजी के रूप में की। इसलिए पुलिस को शक है कि हत्या में जीतू फौजी का हाथ हो सकता है।
 
वहीं जीतू फौजी के परिवार का कहना है कि उसने साजिशन फंसाया जा रहा है। जीतू के भाई धर्मेंद्र जो खुद सेना में हैं, उन्होंने कहा कि उनके पास कई ऐसे सबूत हैं जो जीतू को बेगुनाह साबित कर देंगे। जीतू चार साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था। शादीशुदा जीतू का एक बच्चा भी है।

दिसंबर की तीन तारीख को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावठी इलाके में गोकशी के मामले को लेकर हिंसक हुई भीड़ की चपेट में आने से इंस्पेक्टर सुबोध को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हिंसा में सुमित नाम के एक युवक की भी मौत हो गई थी।