आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फिर से हिंदुत्व कार्ड खेलने की तैयारी में है, तीन राज्यों में मिली जीत के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सभी वर्ग के लोगों को साधना शुरू कर दिया है। लिहाजा कांग्रेस धार्मिक मुद्दों को लेकर लोकसभा चुनाव में और ज्यादा आक्रामक होने जा रही है। हालांकि अभी तक मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरी तरह से अमली जामा तक नहीं पहना पायी है। वहीं चुनावों को देखते हुए धार्मिक  कार्ड को खेलने की तैयारी में है। अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य में पूजारियों और मौलवियों का मानदेय तीन गुना बढ़ाने का फैसला किया है।

राज्य की कमलनाथ सरकार राज्य में किसानों की कर्ज माफी को लेकर कठघरे में खड़ी है। क्योंकि राज्य में कई किसानों के खाते में महज कुछ ही रुपए जमा हुए। जिसके कारण राज्य में किसानों ने राज्य सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है। यही नहीं राज्य में खाद की कमी के कारण किसानों को धरना भी देना पड़ा था। लेकिन अब कमलनाथ सरकार ने लोकसभा चुनाव के लिए धार्मिक कार्ड खेलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने राज्य के मस्जिदों के मौलवियों और धर्मगुरूओं को मानदेय करने का फैसला किया था। अब उसी की तर्ज पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य के मंदिरों के पूजारियों और मस्जिदों के मौलवियों का मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है। असल में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जमकर मंदिर कार्ड खेला था और राहुल गांधी ने कई मंदिरों का दौरा किया था।

इसका कांग्रेस को सीधा फायदा भी हुआ था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उस पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगने शुरू हो गए। लिहाजा अब सरकार ने हिंदू वोटरों का साधने के लिए राज्य के मंदिरों के पूजारियों के लिए मानदेय तीन गुना करने का फैसला किया है। यही नहीं कमलनाथ सरकार मस्जिदों के मौलवियों के लिए तीन गुना मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है। कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र पूजारियों और मौलवियों का मानदेय बढ़ाने का वादा किया था।

अब राज्य सरकार के इस फैसले के लागू होन जाने के बाद राज्य के 25 हजार पुजारियों को फायदा होगा। वहीं ग्वालियर रियासत की ओर से संचालित मस्जिदों के मौलवियों के मानदेय में भी तीन गुना की बढ़ोतरी की है। ये बढ़ोतरी पिछले महीने एक तारीख से लागू की गयी है। सरकार के इस फैसले के तहतजिन मंदिर के पास कोई जमीन नहीं है, उन्हें अब मानदेय के रूप में तीन हजार रुपए मिलेंगे। जबकि पांच एकड़ तक की भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों को अब 21 सौ रुपए, 10 एकड़ की भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों को 1560 रुपए मिलेगें।