इसे दोहरा मापदंड ही कहा जाएगा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल मंगलवार को रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी के वकील के तौर पर अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। यह मामला टेलीकॉम कंपनी एरिकसन को 550 करोड़ रुपये का भुगतान न करने से जुड़ा है।

खास बात यह है कि अनिल अंबानी को लेकर कपिल सिब्बल का राजनीतिक नजरिया अलग है। कांग्रेस अनिल अंबानी पर राफेल सौदे में लिप्त होने के आरोप लगा रही है और वह लगातार पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर हैं। 

कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को राफेल सौदे में 30,000 करोड़ रुपये का लाभ कराया है। कपिल सिब्बल भी इन आरोपों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करते रहे हैं। वहीं अनिल अंबानी को कानूनी मदद भी दे रहे हैं। अनिल अंबानी के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के कुछ घंटे पहले सिब्बल ने एक ईमेल के कुछ हिस्से ट्वीट किए थे। जिनके आधार पर दावा किया जा रहा कि अंबानी को यह पता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल डील को लेकर फ्रांस के साथ एमओयू पर साइन करने वाले हैं। 

कांग्रेस नेता पहले भी कई सुनवाई के दौरान अंबानी के बचाव में कोर्ट में पेश होते रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में अपने मुवक्किल अनिल अंबानी की ओर से पेश होते हुए सिब्बल ने कहा था कि संपत्तियों की बिक्री के लिए संचार विभाग की ओर से एनओसी न मिलने के चलते भुगतान में देरी हुई। 

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पार्टी ने वकील नेताओं से कह चुके हैं कि वे कोर्ट में अनिल अंबानी की कंपनियों का बचाव करने पेश न हों। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि राहुल ने यह मामला सामने आने के बाद पार्टी के वकील नेताओं को फोन कर अनिल अंबानी या उनसे जुड़ी कंपनियों की अदालत में पैरवी न करने को कहा है। 

हालांकि ताजा खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स कपिल सिब्बल पर तंज कस उन्हें 'अवसरवादी'  बता रहे हैं।