नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने ऐलान किया है कि पीएम केयर से केंद्र सरकार वेंटिलेटर खरीदेगी और इसके लिए केन्द्र सरकार 2000 करोड़ रुपये खर्च करेगी जबकि प्रवासियों की देखरेख के लिए केन्द्र सरकार 1000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं कोरोनोवायरस वैक्सीन की खोज के लिए सरकार 100 करोड़ रुपये देगी।

केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री केयर ट्रस्ट ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए 3,100 करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया और इस राशि का उपयोग अन्य चीजों के अलावा, वेंटिलेटर खरीदने और प्रवासी श्रमिकों की देखभाल करने के लिए किया जाएगा। केन्द्र  सरकार ने बताया है कि 3,100 करोड़ रुपये में से, लगभग 2,000 करोड़ रुपये में "मेड-इन-इंडिया" वेंटिलेटर खरीदे जाएंगे और प्रवासियों की श्रमिकों की देखभाल के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं कोरोनोवायरस वैक्सीन को विकसित करने के लिए शोधकर्ताओं को 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री केयर फंड का गठन किया गया है। हालांकि  कुछ राजनैतिक दलों को इसको लेकर परेशानी है। वहीं कोरोना संकट में पीएम  केयर फंडर में सरकार के साथ ही उद्योग जगत ने भी आर्थिक मदद दी है। प्रधान मंत्री मोदी ने पीएम की नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति फंड में राहत देने की घोषणा की थी जहां लोग कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद करने और "संकटपूर्ण स्थितियों" के लिए योगदान कर सकते हैं। फंड का गठन 27 मार्च को हुआ था और इसकी अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं। वहीं ट्रस्ट के अन्य पदेन सदस्य रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री होते हैं।

पीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बयान में कहा गया है कि देश भर में कोरोना मामलों से निपटने के लिए बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से पचास हजार मेड-इन-इंडिया ’वेंटिलेटर पीए केयर फंड से खरीदे जाएंगे। इन वेंटिलेटरर्स  को  सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित  कोविड-19 अस्पतालों को दिया जाएगा। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने कोरोना संकट के समय में कोविड अस्पतालों का गठन किया है। वहीं प्रवासियों के आवास, भोजन, चिकित्सा उपचार और परिवहन मुहैया कराने के लिए पीएम केयर फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए केन्द्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का वजट आवंटित किया है।