ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के लिए एक अल्टीमेटम जारी किया है, जो मंगलवार से हड़ताल पर हैं, सभी डॉक्टर्स अपने सहयोगी पर हुए हमले का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच डॉक्टर्स की न्याय की मांग को नज़रंदाज़ करते हुए ममता बनर्जी ने उन्हें दोपहर 2 बजे तक काम पर लौटने का आदेश जारी किया है। 

विरोध प्रदर्शनों ने राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में सेवाओं को प्रभावित किया है। ममता दीदी ने इस विरोध प्रदर्शन को सीपीआई (एम) और भाजपा द्वारा रची गयी एक "साजिश" बताया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोलकाता में राजकीय एसएसकेएम अस्पताल का दौरा किया जहां उन्होंने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए कहा। डॉक्टरों ने ममता बनर्जी के सामने '' वी वांट जस्टिस '' के नारे लगाए। 

सुश्री बनर्जी ने पुलिस को अस्पताल परिसर खाली कराने का निर्देश दिया, जिसमें कहा गया कि परिसर में रोगियों के अलावा किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

ममता बनर्जी ने कहा कि जो डॉक्टर काम पर नहीं लौटते, उन्हें हॉस्टल छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, वे डॉक्टर्स बाहरी हैं। सरकार किसी भी तरह से उनका समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि मैं उन डॉक्टरों की निंदा करती हूं, जो हड़ताल पर गए हैं। 

उन्होंने कठोरता से इस घटना की तुलना पुलिस विभाग से करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी भी ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं, लेकिन पुलिस हड़ताल पर नहीं जाती है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ये धरना प्रतिद्वंद्वी दलों की साजिश का एक हिस्सा है। 

सुश्री बनर्जी, जो राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की मंत्री भी हैं, ने कहा, "जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन माकपा और भाजपा द्वारा एक साजिश है।"

उसने धमकी देते हुए कहा कि दोपहर 2 बजे के बाद, कानून अपना काम करेगा। 

उन्होंने कहा, माकपा की मदद से भाजपा हिंदू-मुस्लिम राजनीति में लिप्त है। मैं माकपा और भाजपा के इस मेलजोल को देखकर स्तब्ध हूं। भाजपा प्रमुख अमित शाह अपनी पार्टी के कैडर को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और फेसबुक पर प्रचार चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।"

इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने आरोप लगाया था कि एक विशेष समुदाय के सदस्यों ने डॉक्टरों पर हमले को अंजाम दिया था और अपराधियों का संबंध ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से था।

आपको बता दें कि कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के इंटर्न पर एक मरीज जिसकी मृत्यु होगी थी, के परिजनों द्वारा कथित तौर ईंटों और पथरों से हमला किया जिससे डॉक्टर के सिर में गंभीर चोटें आयीं, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने एक विरोध प्रदर्शन शुरू किया। बताया जा रहा हैं कि चोटिल डॉक्टर कि हालत गंभीर हैं और उनका इलाज चल रहा है।

मारपीट के बाद, कोलकाता के अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने बेहतर सुरक्षा की मांग करते हुए काम बंद कर दिया। उन्होंने पुलिस पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया जब उनके सहयोगी को पीटा गया था।