कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के मामले में धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राजीव कुमार को सारदा और रोज वैली चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होना होगा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होना चाहिए। हालांकि इस मामले में उनकी फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं होगी। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय एजेंसी कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से मेघालय के शिलांग में तटस्थ ठिकाने पर पूछताछ करेगी। 

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल की ओर से कहा गया कि सारदा और रोज वैली घोटाले में सबूतों के साथ छोड़छाड़ की गई है और एसआईटी द्वारा टीएमसी से जुड़े लोगों की सही से जांच नहीं की गई। सीबीआई ने राजीव कुमार पर  इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड नष्ट करने का आरोप लगाया गया है। एजेंसी की ओर से कोर्ट में 14 पेज का हलफनामा पेश किया जिसमें बताया गया कि कैसे सबूत नष्ट किए गए।

वहीं, बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि सीबीआई जांच के नाम पर पुलिसवालों को परेशान कर रही है। जबकि डीजीपी ने जांच में सहयोग का भरोसा दिया था।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में नोटिस जारी कर बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कमिश्नर से अपना जवाब 20 फरवरी तक दाखिल करने को भी कहा है। 

सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद ममता बनर्जी के सुर नरम पड़ गए हैं। उन्होंने कहा, हम न्यायपालिका और सभी संस्थानों का बहुत सम्मान करते हैं। मैं सीबीआई के अधिकारियों या फिर किसी भी एजेंसी के खिलाफ नहीं हूं। मेरा कहना है कि इन लोगों को राजनीतिक दबाव में काम नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी नैतिक जीत है। 

ममता ने कहा, राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वह नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हम सही स्थान पर मिलना चाहते हैं, यदि आप कोई स्पष्टीकरण मांगना चाहते हैं, तो आप आ सकते हैं और हम बैठते हैं। हालांकि केंद्र पर हमला जारी रखते हुए ममता ने कहा, सरकार लोगों से बोलने का अधिकार छीन रही है। जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे डराया जा रहा है।