मूर्तियों, स्मारक और पार्कों पर खर्च हुए जनता के पैसे को वापस लौटाने की टिप्पणी के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने मीडिया को नसीहत दी है। मायावती ने कहा कि मीडिया सुप्रीम कोर्ट के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश न करे। मायावती ने पहली बार ट्विटर के जरिए अपना बयान जारी किया है। मायावती कुछ दिन पहले ही इस सोशल मीडिया साइट पर सक्रिय हुई हैं।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार के दौरान बनाए गई हाथी और उनकी खुद की मूर्तियों को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी। कोर्ट ने मायावती से इन मूर्तियों को बनाने में खर्च हुए जनता के पैसे को उनके भरपाई करने की बात कही थी। अब इस मामले की सुनवाई दो अप्रैल को होगी। इस टिप्पणी के बाद मायावती की मुश्किलें बढ़ गयी। मीडिया में इस खबर की बड़ी सुर्खियां भी बनी थी।

जिसके कारण मायावती ने ट्विटर के जरिए बयान जारी कर कि मीडिया बयान को बढ़ाचढ़ा कर पेश न करे। अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी। मायावती ने ये मांग ट्वीट करके की है. वहीं बीजेपी को लेकर बसपा सुप्रीमो ने तंज करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा है, "मीडिया कृपया करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे. माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जाएगा।

हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा. मीडिया व बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है।" इस ट्वीट के बाद एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "सदियों से तिरस्कृत दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल, स्मारक, पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान व व्यस्त पर्यटन स्थल हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी राय है कि मूर्तियों पर खर्च पैसे को मायावती सरकारी कोष में जमा करवाना चाहिए।