अगर आप दिवाली पर पटाखे जलाना चाहते हैं और जल्द ही खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके सारे प्रयास बेकार हैं। दिल्ली-एनसीआर में मुश्किल से कोई दुकान मिलेगी जो पटाखे बेच रही हो। दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद की पुलिस पटाखों की बिक्री के लिए इजाजत नहीं दे रही है। खबर लिखे जाने तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई है। पुलिस का कहना है कि वह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। 

पटाखों के साथ दिवाली मनाने का एकमात्र तरीका ग्रीन पटाखे हैं। दिलचस्प है कि ये पटाखे बाजार में उपलब्ध ही नहीं हैं। इनका उत्पादन कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है। पटाखा बनाने वाली कंपनियों के लिए यह संभव ही नहीं है कि वह चार दिन में ग्रीन पटाखे बनाकर बिक्री के लिए बाजार में पहुंचा दे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा है कि ग्रीन पटाखों का इस साल बाजार में पहुंचना संभव नहीं है। 

हर्षवर्धन ने कहा, 'साफ है कि ग्रीन पटाखे इस साल उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। लेकिन पीईएसओ को लाइसेंस देने के बाद शिवकाशी में कंपनियां इनका उत्पादन शुरू कर सकती हैं। ये शादियों के सीजन समेत सभी अवसरों के लिए साल भर उपलब्ध रहेंगे।'

 हाल ही में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में तय हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी कड़ाई के साथ पालन किया जाए।  शीर्ष अदालत के आदेश में साफ कहा गया है कि केवल ग्रीन पटाखों की ही बिक्री होगी। ग्रीन पटाखों को ही स्टॉक करने का लाइसेंस दिया जाएगा। अगर कोई गनपाउडर से बने पटाखे बेचता पाया गया तो उसे सजा दी जाएगी अथवा जेल में भी डाला जा सकता है। इसके अलावा परंपरागत पटाखे फोड़ते पाए जाने पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने 'माय नेशन' से कहा, 'दिल्ली पुलिस रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस (आरडब्ल्यूए) से भी कह रही है कि वे अपनी सोसाइटियों में इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी कानून का उल्लंघन न करे। ग्रीन पटाखों की जगह दूसरे पटाखे न फोड़े जाएं। ग्रीन पटाखों की जगह दूसरे पटाखे बेचने वाली दुकानों को बंद कराया जाएगा और उनके मालिक के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी।'