पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में शनिवार को मोदी सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। लोकसभा चुनावों से पहले इसे विपक्षी एकजुटता और केंद्र सरकार को सत्ता से बेदखल करने की सामूहिक हुंकार के रूप में देखा जा रहा है। अब तक 19 क्षेत्रीय दलों ने ममता बनर्जी को समर्थन का ऐलान किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ममता की मेगा रैली को नैतिक समर्थन दिया है। उन्होंने ममता को भेजे पत्र में कहा है कि इस रैली से एकजुट भारत का शक्तिशाली संदेश जाएगा।

कांग्रेस की ओर से लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस रैली में भाग लेंगे। तृणमूल कांग्रेस की रैली से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता के ममता बनर्जी के प्रयास का समर्थन करते हुए कहा कि पूरा विपक्ष इस विश्वास को लेकर एकजुट है कि सच्चे राष्ट्रवाद और विकास की रक्षा लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे उन मूल्यों के आधार पर करनी है जिनको नरेंद्र मोदी सरकार नष्ट कर रही है।

उन्होंने ममता को भेजे संदेश में कहा, 'हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'मैं यह एकजुटता दिखाने पर ममता दीदी का समर्थन करता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली संदेश देंगे।

उधर, रैली से पहले ममता बनर्जी ने कहा कि यह लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए खात्मे की मुनादी होगी। यह भगवा पार्टी के कुशासन के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प है। आम चुनाव में भगवा पार्टी 125 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी। क्षेत्रीय दलों द्वारा जीती गई सीटों की संख्या भाजपा की तुलना में अधिक होगी।

ममता की रैली के मंच पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, एनसीपी नेता शरद पवार, आरएलडी नेता चौधरी अजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहेंगे।