पाकिस्तान भले ही भारत के साथ शांति प्रयासों का दावा कर रहा है, लेकिन उसने चुपचाप अपने सैनिकों को एलओसी की ओर भेजना शुरू कर दिया है। बलूचिस्तान और उससे सटे इलाकों से पाकिस्तानी सैनिकों को तेजी से हटाया जा रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सूत्रों ने 'माय नेशन' से अचानक तेज हुई इन गतिविधियों की पुष्टि की है। 

क्वेटा, उत्तरी वजीरिस्तान और खैबर जिले, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दूसरे हिस्सों से कमोबेश एक जैसी खबरें मिल रही हैं। इनके मुताबिक, पाकिस्तानी सेना कई चेक पोस्टों से हट गई है। इसके बदले स्थानीय सुरक्षा बलों 'खासदार' को तैनात किया जा रहा है। 

बलूचिस्तान में मौजूद सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि पाकिस्तानी सेना ने कराची से क्वेटा और तुरबत से कराची जा रही बसों को जबरन खाली करवा लिया। इन बसों को इस्तेमाल जवानों को बलूचिस्तान से एलओसी की तरफ भेजने के लिए किया जा रहा है। 

सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहे लड़ाके इस अप्रत्याशित मौके का फायदा उठाना चाहता हैं। वह पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के ठिकानों को निशाना बनाने की कार्रवाई तेज करने की कोशिश में हैं।  बलूचिस्तान में मौजूद एक सूत्र के अनुसार, 'बलूच लड़ाके रोजाना औसतन 20-25 पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बना रहे हैं। ज्यादातर का मानना है कि समय आ गया है जब पाकिस्तान से आजाद होने का दबाव बढ़ाया जा सकता है।'

पाकिस्तानी सेना ने अपने जवानों और सैन्य साजोसामान को एलओसी पर पहुंचाने के लिए कई ट्रकों को जबरदस्ती अपने कब्जे में ले लिया। सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि बृहस्पतिवार रात को क्वेटा के आसपास के इलाकों में सैन्य कर्फ्यू लगा दिया गया। इस दौरान सेना की भारी मूवमेंट देखी गई।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने बलूचिस्तान से अपने सैनिकों को सुरक्षित जगहों पर एकत्रित करना शुरू कर दिया है। बलूचिस्तान में मौजूद सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने जवानों को ले जाने के लिए 100 ट्रकों को जबरन हथिया लिया। एक ट्रांसपोर्ट कंपनी ने भी पाकिस्तानी सेना को अपने जवानों को बलूचिस्तान से एलओसी भेजने के लिए 30 बसें उपलब्ध कराई हैं। 

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को क्वेटा में सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान भारत के साथ आमने-सामने की जमीनी लड़ाई लड़ना चाहता है। इस लड़ाई में वह अपने को पाले हुए 'आतंकियों और उनके मददगारों' का इस्तेमाल कर सकता है। 

पाकिस्तानी सेना ने खैबर एजेंसी में बड़ी संख्या में चैक पोस्टों को खाली कर दिया है। हालांकि वह कुछ खास जगहों पर अब भी तैनात हैं। पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट के एक बड़े नेता का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने कभी इन जगहों को पूरी तरह खाली नहीं किया लेकिन अब वे फाटा यानी फेडरली एडमिनिस्ट्रेटेड ट्राइबल एरिया और बलूचिस्तान से हट रहे हैं। 

इस बीच, सीमापार से मिली सूचनाओं के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने अपने जवानों को नौशेरा में एकत्रित करनेके बाद उन्हें एलओसी की तरह बढ़ा दिया है। 

पाकिस्तानी सेना ने खैबर के अलावा मलकंड और मोमंड एजेंसी को भी खाली कर दिया है। सेना की गतिविधियां जानीखेल, उत्तरी वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू में भी देखी गई हैं। बन्नू में पाकिस्तानी सेना द्वारा अपने जवानों को ले जाने के लिए जबरन ट्रकों को हथियाने की भी खबरें हैं।