प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए वर्ष 2018 के 'सियोल शांति पुरस्कार' के लिए चुना गया है। पुरस्कार समिति ने भारत में अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक और आर्थिक अंतर को पाटने के लिए उनकी 'मोदीनॉमिक्स' को सराहा है।

सियोल शांति पुरस्कार सांस्कृतिक फाउंडेशन के चेयरमैन क्वॉन ई-हायोक की अध्यक्षता में सियोल के जंग-यू में हुई चयन समिति की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। 

चयन समिति के अध्यक्ष चोइ चुंग-हो ने कहा, 12 सदस्यीय चयन  समिति ने दुनिया भर के 100 से ज्यादा प्रत्याशियों के बीच से एक कड़ी, उद्देश्यपरक और गहन मंत्रणा के बाद विजेता का चुनाव किया है। जिन लोगों के बीच इस पुरस्कार के लिए मुकाबला था उनमें कई देशों के मौजूदा और पूर्व प्रमुख, राजनेता, बिजनेस जगत के दिग्गज, धार्मिक नेता, स्कॉलर, पत्रकार, सांस्कृतिक शख्सियतें, कलाकार, खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल थे। 

समिति ने पीएम मोदी को 'उत्तम प्रत्याशी' बताया है। मोदी इस पुस्कार को पाने वाले 14वें शख्स हैं। 

चोइ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चयन भारत के 1.35 अरब लोगों का जीवन सुधारने की खातिर उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए किया गया है। उन्होंने लोक कल्याण के क्षेत्र में सुधार के लिए कई देशों के साथ आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं। वह विश्व शांति और एशिया पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता के लिए बड़ा योगदान कर रहे हैं। वह कूटनीति के जरिये अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। 

(पीएम मोदी के नाम का ऐलान करते पुरस्कार समिति के अध्यक्ष चोइ चुंग-हो। फोटो साभार- द कोरिया हेराल्ड )

चयन समिति ने नोटबंदी और भ्रष्टाचार के खिलाफ किए जा रहे उपायों के जरिये सरकार को 'बेदाग' रखने के लिए उनके द्वारा किए उपायों की प्रशंसा की है। समिति ने पीएम मोदी को सक्रिय विदेश नीति के जरिये वैश्विक और विश्व शांति में योगदान का श्रेय भी दिया है। समिति ने खास तौर पर 'मोदी डॉक्टरेन' और 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' की जिक्र किया है। 

इस पुरस्कार के साथ पीएम मोदी को 2 लाख डॉलर की राशि भी दी जाएगी। सियोल शांति पुरस्कार जीतने वालों में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के चेयरमैन जुआन एंटोनियो समरंच, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज शुल्ट्ज, एनजीओ डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर, नोबेल शांति पुस्कार विजेता, डेनिस मुकवेज और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अन्नान और बान की मून शामिल हैं। 

खास बात यह है कि जिन 13 लोगों को यह पुरस्कार मिला उनमें से चार को इसके बाद नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इनमें एनजीओ डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर, कोफी अन्नान, ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद यूनुस और पंजी हॉस्पिटल के संस्थापक डेनिस मुकवेज शामिल हैं।