ब्यूनस आयर्स--अर्जेंटीना में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ वैश्विक और बहुपक्षीय हितों के बड़े मुद्दों पर चर्चा की। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है इसको देखते हुए यह बैठक काफी मायने रखती है। 

इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने वित्तीय अपराध को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया और इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 9 सुत्रिए एजेंडा दुनिया के सामने रखा। साथ ही पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकरोधी नेटवर्क को और ज्यादा मजबूत करने का सुझाव दिया।

पीएम मोदी ने इस बैठक में कालेधन के मुद्दे को प्रमुखता से रखते हुए इसके खिलाफ सभी देशों को एकजुट होने को कहा। इस दौरान उन्होंने भगोड़े आर्थिक घोटालेबाजों का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इस समय आतंकवाद के खतरे का सामना पूरी दुनिया कर रही है।

मोदी ने साझा मूल्यों पर साथ मिलकर काम जारी रखने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘जेएआई (जापान, अमेरिका, भारत) की बैठक लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित है। ‘जेएआई’ का अर्थ जीत शब्द से है।’’ 

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह बैठक तीन राष्ट्रों की दूरदृष्टि का समन्वय है। जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रथम ‘‘जेएआई त्रिपक्षीय ’’ में भाग लेकर खुश हैं। वहीं ट्रंप ने बैठक में भारत के आर्थिक विकास की सराहना की। 

तीनों नेताओं ने संपर्क, सतत विकास, आतंकवाद निरोध और समुद्री एवं साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक एवं बहुपक्षीय हितों के सभी बड़े मुद्दों पर तीनों देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। 

उन्होंने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सभी मतभेदों के शांतिपूर्ण हल पर आधारित मुक्त, खुला, समग्र और नियम आधारित व्यवस्था की ओर आगे बढ़ने पर अपने विचार साझा किए। 
मोदी, ट्रंप और आबे बहुपक्षीय सम्मेलनों में त्रिपक्षीय प्रारूप में बैठक करने के महत्व पर भी सहमत हुए।