नई दिल्ली--प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 फरवरी को भारत की पहली इंजनरहित ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाएंगे। बिना इंजन वाली यह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ट्रेन 18 को बंदे भारत नाम देने का एलान किया था। 

पूरी तरह से स्वदेशी इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई के इंटिगरल कोच फैक्ट्री में किया गया है। कि 100 करोड़ की लागत से बनी इस ट्रेन को पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया गया है।  देश की यह सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। ट्रायल के दौरान यह 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की गति से दौड़ी थी।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी 15 फरवरी की सुबह 10 बजे इस ट्रेन को रवाना करेंगे और एक कार्यक्रम भी होगा जहां वह भाषण देंगे। यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है क्योंकि यह रेलवे की पहली स्वदेशी ट्रेन है।’ 16 डिब्बे वाली यह ट्रेन 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी।

100 करोड़ की लागत से तैयार वंदे भारत एक्सप्रेस देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन है। मेट्रो की तरह ट्रेन के दोनों तरफ ड्राइवर केबिन है। इससे ट्रेन के इंजन को दिशा बदलने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। 2019-10 तक ऐसी 5 ट्रेनों का निर्माण कर लिया जाएगा।

यह ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। यह ट्रेन शताब्दी ट्रेनों को रिप्लेस करेगी। मौजूदा शताब्दी ट्रेनों की तुलना में यह ट्रेन सफर के लिए 15 पर्सेंट तक कम समय लेगी। 

इस ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे  जिनमें 12 कोच एसी सामान्य चेयर कार होंगे और दो कोच एग्जिक्यूटिव क्लास के होंगे। सामान्य चेयर कार में 78 सीटें होंगी, जबकि एग्जिक्युटिव क्लास में 52 सीटें होंगी। देश में पहली बार इस तरह की ट्रेन का निर्माण किया गया है। इससे बनाने में करीब 18 महीने का समय लगा। ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन के अंदर देख सकते हैं।