कांग्रेस की नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज अपना कार्यभार संभालेंगी। लेकिन प्रियंका की देश की राजनीति में पहली इंट्री किसी बड़ी राजनैतिक रैली की जरिए बल्कि गंगा जल के आचमन से होगी। प्रियंका दस फरवरी को कुंभ में स्नान करेंगी और आचमन लेकर अपनी नई पारी की शुरूआत करेगी।

पिछले महीने ही प्रियंका गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त करने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। वहीं मंगलवार कांग्रेस के दिल्ली और लखनऊ स्थित दफ्तर में प्रियंका के बैठने के लिए कमरा तैयार कर दिया गया है। पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रियंका पर बड़ा दांव खेला है। असल में क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस का कोई गठबंधन न हो पाने के कारण पार्टी अकेले पड़ गयी है और चुनाव का पूरा दारोमदार राहुल गांधी के ऊपर है।

लिहाजा प्रियंका को यूपी का प्रभार देकर पार्टी ने राहुल गांधी को एक तरह से पूरे देश में प्रचार के लिए मुक्त कर दिया है। अगर बात रायबरेली और अमेठी की करें तो यहां पर भाजपा ने पिछले चुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। अमेठी में स्मृति ईरानी महज 50 हजार के वोटों के अंतर से हारी थी। लिहाजा अब कांग्रेस पहले इन दोनों सीटों को बचाने पर फोकस कर रही है। लिहाजा प्रियंका को यहां पर लाकर कांग्रेस अपने वोटरों को रोकना चाहती है।

इसके साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका को लाकर पार्टी अपने पुराने वोट बैंक को हासिल करना चाहती है। लेकिन सवाल अभी भी वही है कि यूपी में सपा और बसपा के बीच बने गठबंधन और भाजपा से लड़कर कर कांग्रेस क्या अपने 2009 के प्रदर्शन को दोहरा पाएगी। वहीं प्रियंका को भी पार्टी राहुल के साफ्ट हिंदुत्व के कार्ड के जरिए राजनीति में उतारने की रणनीति पर काम रही है।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दस फरवरी को कांग्रेस की लखनऊ में रैली है। लेकिन इस रैली में प्रियंका गांधी हिस्सा नहीं लेगी। जबकि आमतौर पर किसी बड़े नेता की लॉचिंग किसी बड़ी रैली के जरिए की जाती है। हालांकि पहले ये कहा जा रहा था कि प्रियंका गांधी 10 फरवरी को लखनऊ के रमाबाई मैदान में होने वाली कांग्रेस रैली में शामिल होगी।

लेकिन पार्टी ने अपनी रणनीति को बदलते हुए पार्टी प्रियंका को कुंभ में स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन पर फोकस कर रही है। इसके बाद अपने मिशन उत्तर प्रदेश की शुरुआत करेगी। कांग्रेस की रणनीति के तहत प्रियंका वाराणसी भी जाएगी और वहां पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेगी। कुल मिलाकर प्रियंका राहुल गांधी के हिंदुत्व और मंदिर कार्ड के जरिए कांग्रेस को फिर से राज्य में स्थापित करेंगी।