कांग्रेस ने आज राजनीति में सबसे बड़ा ऐलान किया है. कांग्रेस पार्टी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी को महासचिव नियुक्त किया है. प्रियंका को आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी का महासचिव नियुक्त किया है. प्रियंका गांधी को पू्र्व उत्तर प्रदेश का दायित्व दिया गया है.  हालांकि ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका को पार्टी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है.

एक दिन ही पहले भोपाल में प्रियंका गांधी के समर्थन में पोस्टर लगाए गये थे. इससे पहले भी यूपी के जिलों में प्रियंका को कांग्रेस की कमान देने के लिए पोस्टर लगाए गए थे. लेकिन उस वक्त पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी. अब प्रियंका को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त कर पार्टी  ने बड़ा फैसला किया है. प्रियंका के साथ ही ग्वालियर से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव नियुक्त किया है. . पार्टी ने प्रियंका को ईस्ट यूपी की कमान सौंपी है.

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माना जा रहा है कि यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव और प्रियंका गांधी की लोकप्रियता को देखते हुए लिया गया है. प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी. इस संबंध में पार्टी के महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई है. जिसमें लिखा है, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव के तौर पर नियुक्त किया है. वह फरवरी के पहले सप्ताह में पद संभालेंगी. इसके अलावा ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को भी  महासचिव बनाया है.उन्‍हें पश्चिमी यूपी की जिम्‍मेदारी दी गई है. इससे पहले मध्‍य प्रदेश में उन्‍हें डेप्‍युटी सीएम बनाए जाने की अटकलें थीं.

वहीं उत्‍तर प्रदेश के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद को हरियाणा का प्रभारी बनाया है। के. सी. वेणुगोपाल कांग्रेस संगठन के प्रभारी होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि सपा बसपा और भाजपा की मात देने के लिए प्रियंका को पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया है. इससे उनका राजनीति में इंट्री हो गयी है. प्रियंका को लेकर कांग्रेस के नेता अरसे से मांग कर रहे थे कि उन्हें पार्टी में जिम्मेदारी दी जाए. लेकिन कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें महासचिव बनाकर विरोधी दलों को मात दी है.

प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आना और उन्‍हें पूर्वी उत्‍तर प्रदेश की कमान दिया जाना कांग्रेस का मास्‍टर स्‍ट्रोक माना जा रहा है. इस क्षेत्र की कई सीटों पर कांग्रेस का अच्‍छा प्रभाव है. फूलपुर से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सांसद थे. इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर समेत कई जिलों कांग्रेस का अच्‍छा खासा प्रभाव है. जबकि अमेठी से सटा हुआ सुल्तानपुर भी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.