राफेल डील पर छिड़ा घमासान अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। लोकसभा में शुक्रवार को चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल को सरकार की तरफ से दिए गए एक लाख करोड़ रुपये के खरीद संबंधी आदेश पाइपलाइन में हैं। इन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री को चुनौती दी कि वह इस दावे को साबित करने के लिए सोमवार को संसद में दस्तावेज पेश करें या फिर इस्तीफा दें। रक्षा मंत्री ने इस पर भी जोरदार पलटवार किया। उन्होंने मोदी सरकार के दौरान एचएएल को पहले ही दिए जा चुके ऑर्डर और फिलहाल जिन पर काम चल रहा है, उन ऑर्डरों का ब्यौरा ट्वीट कर दिया। निर्मला ने कहा कि यह शर्मनाक है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश को गुमराह कर रहे हैं। अब उन्हें संसद में देश से माफी मांगनी चाहिए। 

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को एक अखबार की रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने रक्षा मंत्री को चुनौती दी कि वह अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज पेश करें या फिर इस्तीफा दें। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उस झूठ को छिपाने के लिए आपको कई और भी झूठ बोलने पड़ते हैं। राफेल पर प्रधानमंत्री के झूठ का बचाव करने की उत्सुकता में रक्षा मंत्री ने संसद से झूठ बोला। रक्षामंत्री (सीतारमण) को कल (सोमवार) संसद में वे दस्तावेज पेश करने चाहिए, जिससे साबित हो कि सरकार ने एचएएल को एक लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए हैं। या फिर वह इस्तीफा दें।' 

इसका जवाब, निर्मला ने ट्विवटर पर ही दिया। उन्होंने कहा, राहुल गांधी को 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की उस रिपोर्ट को पूरा पढ़ना चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट में अखबार की रिपोर्ट के एक हिस्से का भी जिक्र किया जिसमें लिखा है, 'हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सीतारमण ने यह दावा नहीं किया कि ऑर्डरों पर दस्तखत हो चुके हैं। उन्होंने यह कहा कि उन पर काम चल रहा है।' 

इस ट्वीट के बाद रक्षा मंत्री ने एक और ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसका भी विवरण दिया कि मोदी सरकार के दौरान एचएएल को कितने के ऑर्डर दिए गए और कितने ऑर्डर अभी पाइपलाइन में हैं। सीतारमण ने ट्वीट किया, 'यह शर्म की बात है कि कांग्रेस के अध्यक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं। एचएएल ने 2014 से 2018 के बीच 26,570.0 करोड़ रुपये के सौदों पर दस्तखत किए और 73,000 करोड़ रुपये के सौदे पाइपलाइन में हैं। क्या राहुल गांधी सदन में देश से माफी मांगेंगे?' 

क्या कहा गया था रिपोर्ट में

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि एचएएल को एक लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर का इंतजार है, जिनका निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया था। रिपोर्ट में एचएएल के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि वास्तव में अभी ये ऑर्डर नहीं हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया था, 'फिलहाल, एचएएल के लिए ये ऑर्डर पाइपलाइन में हैं। 5,000 करोड़ रुपये का 83 एलसीए तेजस लड़ाकू विमान, 3000 करोड़ रुपये के15 लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 20,000 करोड़ रुपये के 200 अन्य हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर, 3,400 करोड़ रुपये के 19 डोर्नियर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 15,000 करोड़ मूल्य के हेलीकॉप्टर और 8,400 करोड़ रुपये मूल्य के एयरो इंजन का ऑर्डर है। कुल मिलाकर यह एक लाख करोड़ रुपये का होता है।'