सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रवेश को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सीधा सवाल उठाया। अपने संसदीय क्षेत्र इंदौर पहुंची सुमित्रा महाजन ने कहा कि राहुल ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है।  

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उन्होंने कहा, 'प्रियंका अच्छी महिला हैं। मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में उनकी नियुक्ति से यह बात भी सामने आती है कि राहुल ने एक प्रकार से स्वीकार कर लिया कि राजनीति करना उनके अकेले के बस की बात नहीं है। यह बहुत अच्छी बात है कि राहुल को समझ आ गया कि वह अकेले राजनीति नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने बहन प्रियंका को अपनी मदद के लिए बुला लिया।'

सुमित्रा महाजन ने आगे कहा, 'मैं कांग्रेस के परिवारवाद के झगड़े में नहीं पड़ती। यह विषय कांग्रेस के लोग ही जानें लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि जिस व्यक्ति में नेतृत्व की ताकत है, उसे आगे आने का मौका दिया जाना चाहिए।' उन्होंने मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाए जाने पर बधाई दी। 

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव बनाकर सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मैं उनका अभिनंदन करती हूं, क्योंकि उन्हें यह जिम्मेदारी मिलना मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है।' सुमित्रा महाजन 1989 से लगातार मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रही हैं, जबकि सिंधिया सूबे की गुना सीट से सांसद हैं। 

सुमित्रा महाजन के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रियंका की एंट्री से भाजपा में भगदड़ की स्थिति है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सुमित्रा महाजन को भाजपा के अंदरूनी मामलों को देखना चाहिए और उनकी नसीहत के बगैर कांग्रेस अच्छी तरह चल रही है और चलती रहेगी। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सुमित्रा महाजन के बयान से जुड़े सवाल पर कहा, ‘हम बहुत विनम्रता से लोकसभा की अध्यक्षा जी को ये निदेवन करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जो अंदरुनी मामले हैं, वह उन पर ध्यान दें। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो कांग्रेस उनकी नसीहत के बगैर भी बहुत अच्छी तरह से चल रही थी और बहुत अच्छी तरह से चलती रहेगी।’