सबरीमाला मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल(मंगलवार) से दोबारा सुनवाई शुरु करेगा। 10 से 50 वर्ष की की महिलाओं के प्रवेश पर पूर्ववत पाबंदी लगाने के लिए सर्वोच्च अदालत में कई रिट और रिव्यू पिटिशन दी गई हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं की एंट्री की इजाजत के खिलाफ रिट और रिव्यू पिटिशन के कुल 19 मामले हैं। 

शीर्ष अदालत ने कहा है कि वह मंगलवार से इनपर सुनवाई शुरु करेगा। सबरीमाला मंदिर सोमवार यानी आज की रात दस बजे से पांच दिन की पूजा के बाद बंद हो जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश की इजाजत देने के फैसले के बाद पहली बार 18 अक्टूबर को मंदिर के कपाट खोले गए थे। 

सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं के प्रवेश का लगातार विरोध स्थानीय लोग और धार्मिक संस्थाएं कर रही हैं। मंदिर के द्वार पिछले सप्ताह 5 दिन की मासिक पूजा के लिए खोले गए थे। इस दौरान दोनों मुख्य रास्तों, निलक्कल और पम्बा पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बावजूद महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया। 

खास बात यह है, कि महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं की ही थी। जो भगवान अयप्पा के मंदिर की शुचिता बरकरार रखने की कोशिश कर रही थीं। 

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश का ऐतिहासिक फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया। हालांकि, कोर्ट के इस फैसले का केरल में पुरजोर विरोध भी हो रहा है क्योंकि भगवान अय्यप्पा को ब्रहमचारी माना जाता है और इसलिए उनके मंदिर में धार्मिक आस्था के आधार पर रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगाया गया था। 

त्रावणकोर देवासम बोर्ड के अध्यक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है।