शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में एक और झटका लगा है। ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने माल्या की अपने बैंक खाते को लेकर दायर अर्जी को अंतरिम तौर पर अस्वीकार कर दिया है। माल्या ने अपने खाते में जमा पैसे से संबंधित आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई थी। 

अदालत के इस फैसले से भारतीय बैंकों के समूह को जमा 2,60,000 पाउंड की राशि से वसूली करने से रोकने का माल्या का प्रयास विफल हो गया है। 

माल्या (63) ब्रिटेन में कई कानूनी लड़ाइयों में उलझा है। हाईकोर्ट के मास्टर डेविड कुक ने व्यवस्था दी कि एसबीआई और अन्य बैंकों के पक्ष में जारी अंतरिम ऋण आदेश कायम रहेगा। इससे भारतीय बैंक माल्या के आईसीआईसीआई यूके में इस खाते पर हाथ रख सकेंगे। हालांकि, इस अपील पर अंतिम आदेश माल्या की लंबित दिवाला याचिका पर सुनवाई के बाद दिया जाएगा।

ऐसे में इन खातों में जमा राशि फ्रीज रहेगी। पिछले साल भारतीय बैंकों के पक्ष में वैश्विक स्तर पर खातों को फ्रीज या उन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था। माल्या के वकीलों ने कई कारण गिनाते हुए इस अंतरिम आदेश को रद्द करने की अपील की थी। उन्होंने दलील दी कि यह माल्या को उचित तरीके से जीवनयापक के खर्च से रोकने का जानबूझकर किया गया प्रयास है। 

इस बीच, माल्या का एक ट्वीट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उसने कहा, है, जब भी मैं पीएसयू बैंकों को 100 फीसदी पैसा लौटाने का ऑफर देता हूं, मीडिया कहने लगता है कि मैं कार्रवाई से घबरा गया हूं। मुझे ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण का डर सता रहा है। मैं पैसा देना का इच्छुक हूं, चाहे लंदन में रहूं या भारत की जेल में। भारत के बैंक वह पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं, जिनकी मैं पेशकश कर रहा हूं।