केन्द्र और महाराष्ट्र में भाजपा सरकार की सहयोगी शिवसेना अब उत्तर प्रदेश में भाजपा की मुश्किलें बढ़ाएंगी. शिवसेना यूपी में भी भाजपा के सहयोगी के साथ चुनावी गठबंधन करेगी ताकि राज्य की राजनीति में अपना खाता खोल सके. शिवसेना राज्य में राज्य में भाजपा की सहयोगी सुभासपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. हालांकि अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि वह कितनी सीटों पर लड़ेगी. दोनों के बीच चुनाव लड़ने के लिए सहमति बन गयी है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि शिवसेना करीब 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

शिवसेना राज्य में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बड़ी चुनावी रैली आयोजित करने की योजना बना रही है और इसके बाद राज्य में चुनावी तैयारियां शुरू हो जाएंगी. ऐसा कहा जा रहा है कि शिवसेना हिंदू वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अयोध्या में रैली कर सकते हैं. पिछले साल नवंबर में भी शिवसेना ने अयोध्या में संतो का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया था. उस कार्यक्रम में शिवसेना ने केन्द्र और राज्य सरकार को राम मंदिर न बनाने के लिए कोसा था. शिवसेना ने आरोप लगाया था कि दोनों सरकारें राम मंदिर बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं और हिंदूओं से धोखा कर रहे हैं.

अब 2019 के लोकसभा चुनाव में वह अकेले ही पूरे देश में चुनाव मैदान में उतरेगी. महाराष्ट्र के अलावा शिवसेना की तैयारी बिहार, यूपी और जम्मू में अपने प्रत्याशी उतारने की है. शिवसेना इसके लिए इन राज्यों में सहयोगियों की भी तलाश कर रही है. यूपी में भाजपा के सहयोगी दल ही उसके संपर्क में हैं और उसकी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर से कई बार मीटिंग हो चुकी है. उधर लखनऊ में पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अच्छा काम भी किया.

उन्होंने कहा कि संसद का बजट सत्र 21 फरवरी से शुरू होगा। 12 दिन तक सत्र चल सकता है। आठ दिन का वर्किंग आवर है. मुझे नहीं लगता कि राम मंदिर पर बिल लाने की भाजपा की कोई तैयारी है. पूरे देश का समर्थन उसे मिल रहा था लेकिन बिल लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. राउत ने कहा कि अयोध्या में जब उद्धव आए थे, तो यूपी के हर हिस्से से लोगों का समर्थन हमें मिला था और हमने इसके बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी.