प्रधानमंत्री के धन्यवाद भाषण के साथ 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो गया। 2014 में ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई ऐसी घटनाएं घटीं, जो लंबे समय तक याद की जाएंगी। एक नजर ऐसी ही पांच चर्चित घटनाओं पर - 

20 मई, 2014

भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा हुआ था जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। देश के पीएम नरेंद्र मोदी जब पहली बार संसद पहुंचे तो लोकतंत्र के मंदिर के दरवाजे पर सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया। संसद के गेट पर पहुंचने के बाद सीढ़ियों को नमन किया। मोदी के इस भाव की सोशल मीडिया में खूब चर्चा हुई। समर्थकों ने उनकी जमकर तारीफ की। 

30 जून, 2017

16वीं लोकसभा में एक और पल तब आया जब 30 जून, 2017 की आधी रात मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जीएसटी कानून लागू किया। संसद के केंद्रीय कक्ष से जीएसटी लागू करने का ऐलान तत्कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ठीक रात 12 बजे घंटा बजाकर किया। इसी के साथ देश में टैक्स की नई दरें भी लागू हो गईं। देश में जीएसटी 17 साल लंबी कोशिशों के बाद लागू किया जा सका। कर प्रणाली 'एक देश-एक टैक्स' में बदल गई।

20 जुलाई, 2018

यह 16वीं लोकसभा की सबसे चर्चित घटना रही। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया और भाषण खत्म करने के बाद पीएम मोदी की सीट पर चले गए और उनसे गले लिपट गए। उनके इस कदम की पहले तो तारीफ होने लगी लेकिन इसके बाद उन्होंने जो किया उसने राहुल की संजीदगी पर कई सवाल खड़े कर दिए। पीएम से गले मिलने के बाद राहुल ने अपनी सीट पर बैठते ही आंख मारी। सोशल मीडिया ने राहुल को इसके लिए जमकर ट्रोल किया।

02 जनवरी, 2019

राफेल विमान सौदे को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ था। लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सत्ता पक्ष को घेर रहे थे। उन्होंने राफेल सौदे की जांच जेपीसी से कराने की मांग की। इसके बाद वह जेब से फोन निकालकर एक ऑडियो टेप चलाने की अनुमति मांगने लगे। यह पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से संबंधित था। इस पर स्पीकर ने उन्हें अनुमति नहीं दी। जब वित्त मंत्री इस मुद्दे पर राहुल के आरोपों का जवाब दे रहे थे तो कांग्रेस सांसदों की ओर से कागज के प्लेन उड़ाए। इस घटना पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कड़ी आपत्ति जताई। 

09 जनवरी, 2019

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया गया संविधान (124वां संशोधन) संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। लगभग पांच घंटे की चर्चा के बाद विधेयक पर मतदान हुआ। इसके समर्थन में 323 मत पड़े जबकि विरोध में केवल 3 मत डाले गए। खास बात यह रही कि भाजपा सरकार ने इस बिल को चार दिन के भीतर दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से पास करा लिया। इसके साथ ही देश में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़कर 60% पहुंच गई।