नई दिल्ली: जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद की आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद को झटका देते हुए केस को उत्तर प्रदेश से गुजरात ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई के पास भेज दिया है। 

अतीक पर एक बिजनेसमैन का अपहरण करके उसे जेल में लाकर मारने-पीटने का आरोप है। अदालत ने इस मामले में जेल अधिकारियों को निलंबित भी तक दिया  है। 
अतीक के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद अपना जवाब दाखिल कर दिया था।। इस मामले में एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जो रिपोर्ट दाखिल की है, उसमें इशारा किया गया है कि अतीक अहमद ने बिजनेसमैन का अपहरण किया था। 

साथ ही हंसारिया ने यह भी कहा था कि रिपोर्ट के मुताबिक घटना के समय जेल परिसर में न तो सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे और न ही जेल मैनुअल का पालन हुआ। 

इस मामले में आठ जनवरी को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने पीठ को इस घटना की जानकारी दी थी। उपाध्याय की याचिका में आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने वाले नेताओं पर आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की गुहार लगाई है।

रियल एस्टेट डीलर मोहित जायसवाल ने गक्त 28 दिसंबर को अतीक अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया था कि मोहित का लखनऊ से अपहरण कर देवरिया जेल में लाया गया। वहा अतीक अहमद और उसके लोगों ने मोहित की पिटाई की थी। 

इस मामले में एफआईआर के बाद यूपी प्रशासन ने जेल में छापा भी मारा था। बाद में अतीक को देवरिया से बरेली जेल भेज दिया गया था। फिलहाल अतीक अहमद पर 20 से अधिक मामलों में मुकदमा चल रहा है।