भारतीय सेना दुनिया के सबसे दुर्गम और जोखिम वाले इलाकों में अभियान चलाती है। इन दुर्गम हालात में सेना को आवाजाही के लिए विशेष वाहनों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा सेना का आतंकवाद के खिलाफ अभियान भी लगातार जारी है। सरकार ने जवानों की सुरक्षा को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सूत्रों की मानें तो आतंकवाद प्रभावित इलाकों में बारूदी सुरंगों और ग्रेनेड हमलों से सैनिकों को बचाने के लिए जल्द ही एक खास कार मिलने वाली है। इस पर बम, गोली और बारूद का असर नहीं होगा। 

टाटा ने सेना के लिए अपनी कार मर्लिन एलएसवी (लाइट सपोर्ट व्हीकल) तैयार कर ली है। इसे अभी आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल नहीं किया गया है लेकिन इसके कई परीक्षण हो चुके हैं। 

टाटा भारतीय सेना को सबसे ज्यादा वाहनों की आपूर्ति करती है। इससे पहले सेना के लिए आधिकारिक वाहन के रूप में मारुति सुजुकी जिप्सी का इस्तेमाल होता था।  बाद में टाटा की सफारी स्टॉर्म 4x4 एसयूवी ने इसकी जगह ली। टाटा सेना को 3193 सफारी स्टॉर्म की आपूर्ति करने वाली है। 

टाटा ने अपने नए लाइट सपोर्ट व्हीकल (एलएसवी) कार को मर्लिन नाम दिया गया है जिसके साइड और रियर पर एसटीएएनजी 4569 लेवल -1 की सुरक्षा होगी। जो (नाटो मानकों के अनुसार उच्चतम सुरक्षा मापदंड में से एक) है। यानी आर्टिलरी, ग्रेनेड और माइन ब्लास्ट के दौरान कार में बैठे लोग सुरक्षित रह सकते हैं। 

टाटा मर्लिन को कई तरह के हथियारों से भी लैस किया गया है। इसमें 7.6 मिमी मध्यम मशीन गन बुर्ज और एक 40 मिमी स्वचालित ग्रेनेड लांचर भी लगाया गया है। इसके अलावा कार में अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एंटी टैंक मिसाइलें भी लगाई गई हैं। टाटा मर्लिन में 3.3-लीटर का लिक्विड कूल डायरेक्ट इंजेक्शन इंजन दिया गया है। जो 3,200 आरपीएम पर 185 बीएचपी और 2,400 आरपीएम पर 450 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है।