बिहार में कुछ समय से बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने की कवायद तेज कर दी है। गुंजन खेमका हत्याकांड बिहार की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गया है। 2019 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दल 'सुशासन बाबू' कहे जाने वाले नीतीश पर इन घटनाओं के बहाने सियासी बढ़त लेने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सोमवार को मुख्य विरोधी दल राजद का यह दाव उल्टा पड़ गया। 

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव पटना में उद्यमियों की ओर से अपराध के खिलाफ निकाले गए कैंडल मार्च में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन महिला उद्यमियों ने तेजस्वी का खुलकर विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि जब किसी राजनीतिक दल को मार्च में शामिल होने का निमंत्रण नहीं दिया गया है तो तेजस्वी यहां पहुंचकर अपनी  सियासत क्यों चमका रहे हैं। हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा कि वह राजनीति नहीं करने आए हैं। अगर एक हफ्ते के भीतर बड़े अपराधियों को गिरफ्तारी नहीं हुई तो उनकी पार्टी नीतीश सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी। गुंजन खेमका हत्याकांड को लेकर बिहार इंडस्ट्रीज एशोसिएशन ने पटना में कैंडिल मार्च निकाला था। इसमें व्यवसायी, उद्योग जगत की हस्तियां और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शामिल हुए।  

दरअसल, मीडिया को खबर मिली थी कि बिहार में बढ़ रही आराधिक घटनाओं के खिलाफ शाम 5 बजे कैंडल मार्च निकाला जाना है। इसमें लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और विधायक तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे। लेकिन यह मार्च उनके पहुंचने से पहले ही शुरू हो गया। आधे मार्च से तेजस्वी इसमें शामिल हुए। यह कैंडल मार्च पटना के जेपी चौक से शुरू होकर डाकबंगला चौराहे तक निकाला गया। तेजस्वी को जरा सी भी भनक नहीं लगी कि व्यवसायी उनके मार्च में शामिल होने का विरोध कर देंगे।

उद्यमी महिलाओं ने तेजस्वी का खुलकर विरोध किया। उनका आरोप था कि तेजस्वी राजनीति चमकाने आए हैं। इस मार्च में नेताओं की कोई जरूरत नहीं है। उद्योग जगत को राजनीति नहीं इंसाफ चाहिए। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम राजनीति नहीं करना चाहते। बढ़ते अपराधों पर सरकार की चुप्पी बडे़ सवाल खड़े कर रही है। उद्योग जगत दहशत में है। हालांकि विरोध के चलते तेजस्वी की भारी किरकिरी हो गई।