नई दिल्ली: प्रति वर्ष 3 दिसंबर को विकलांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस मनाया जाता है। समाज और विकास के सभी क्षेत्रों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया जाता है।

इस वर्ष 2018 में इस आयोजन का उद्देश्य,  'विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना और उनकी सहभागिता  को सुनिश्चित करना' है। यह वर्ष 2020 के लिए यह सतत विकास एजेंडा का एक हिस्सा है। इसका मकसद है की कोई भी व्यक्ति विकास में पीछे नहीं छुटे।

भारत में निःशक्तजनों के लिए रोजगार के अवसर कम हैं, किन्ही दो निःशक्तजनों में से सिर्फ एक को ही रोजगार मिल पाता है जबकि हर दूसरा बेरोजगार रह जाता हैं।
 
आइये, निःशक्तजनों के रोजगार के एक डेटा पर एक नज़र डालते हैं। कुल निःशक्तजनों में से कुछ ही आय के साधन जुटा पाते हैं जबकि अधिकतर बिना किसी आय के जीने के लिए मजबूर हैं:  
 
गांवों में शहरों से स्तिथि बेहतर है यहाँ पांच विकलांग व्यक्तियों में दो को रोजगार मिल जाता है-