बेंगलुरू। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटों में से 25 पर जीत हासिल करने के बाद भाजपा का रुख आक्रामक हो गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि बेहतर होगा कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन विधानसभा भंग कर दे और नए सिरे से चुनाव हों। हम इसका स्वागत करेंगे। उधर, कांग्रेस और जेडीएस में दरार पड़ने की खबरों के बीच दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज्य के प्रभारी केसी वेणुगोपाल को बेंगलुरु भेजा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के किसी विधायक के कांग्रेस या जेडीएस में शामिल होने की संभावना को भी खारिज कर दिया। येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 25 में हमने जीत हासिल की है और 224 विधानसभाओं में से 177 में हम नंबर एक पर हैं। वहीं कांग्रेस और जेडीएस लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1-1 सीट जीतने में कामयाब हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा को भी हार का सामना करना पड़ा है। 

येदियुरप्पा ने यहां कहा कि भाजपा का एक भी विधायक कांग्रेस या जेडीएस में नहीं जाएगा जैसा कि ये दल दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं परेशान नहीं हूं। यह असंभव है। वे भ्रम पैदा करने के लिए ऐसा कह रहे हैं।’ 

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को झटका लगा है। दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच असहमति भी बढ़ रही है। उनके कुछ सदस्यों ने दावा किया है कि गठबंधन में चुनाव लड़ने की वजह से उनकी पार्टियों का प्रदर्शन इतना खराब रहा। 

सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी सक्रिय हो गए हैं और असंतुष्ट विधायकों, खासकर कांग्रेस सदस्यों के साथ निजी तौर पर मिल रहे हैं और उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

पिछले कुछ समय से भाजपा नेताओं के साथ मित्रता दिखा रहे असंतुष्ट कांग्रेस विधायक रमेश जरकिहोली ने लोकसभा चुनाव के बाद कुछ विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। इसके बाद गठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ गई है।

उधर, कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है, 'मैंने कभी भी कांग्रेस के इतने बड़े नुकसान की उम्मीद नहीं की थी। हम सब को एक साथ बैठकर काम करना होगा। मैं अभी आया हूं, मुझे अपनी पार्टी के नेताओं और समिति से मिलना है। कांग्रेस को मिटाया नहीं जा सकता है और गांधी परिवार सभी संकटों में पार्टी की रक्षा करता रहा है।' 

सोमवार को कांग्रेस नेता एन राजन्ना ने डिप्टी सीएम जी परमेश्वर पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्य में मौजूदा कांग्रेस-जेडीए गठबंधन सरकार 10 जून के बाद नहीं रहेगी। इससे पहले, रविवार को कांग्रेस के दो विधायकों ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एसएम कृष्णा के बेंगलुरु स्थित घर पर उनसे मुलाकात की थी। हालांकि बाद में उन्होंने दावा किया था कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी पर इसके बाद राज्य सरकार के जल्द गिरने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया। उधर, सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरू जा रहे कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता राज्य सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर संकट को दूर करने का प्रयास करेंगे।(इनपुट एजेंसी)